
वापी. सोमवार को बांद्रा-पटना ट्रेन के वापी पहुंचने पर कोच के स्थान बदले जाने और इस बारे में पूर्व सूचना नहीं होने से यात्रियों में भारी अफरा-तफरी मची रही। भारी भीड़ के बीच ट्रेन में कई यात्री नहीं चढ़ पाए तो कइयों के सामान भी छूट गए। हालात को सामान्य बनाने में आरपीएफ को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच ट्रेन करीब आधे घंटे बाद स्टेशन से रवाना हुई।
होली से पहले गांव जाने के लिए बांद्रा-पटना ट्रेन में यात्रा के लिए यात्रियों की लाइन लगी थी। सामान्य कोच में यात्रा के लिए प्लेटफार्म नंबर एक के अंतिम छोर पर स्थित फुटब्रिज पर यात्रियों की लाइन लगी थी। आरपीएफ के अनुसार करीब दो हजार से ज्यादा यात्री स्टेशन पर थे। शाम को जब प्लेटफार्म नंबर तीन पर यह ट्रेन आई तो कोच की स्थिति बदली हुई थी। इंजन से पीछे की तरफ लगने वाले जनरल कोच की जगह पर एसी का बी-1, बी-2 कोच लगे थ। जबकि अन्य दिनों में यहां दो जनरल कोच रहते हैं। इससे जनरल कोच में चढऩे के लिए लाइन लगाने वाले यात्रियों को दूसरी तरफ भागना पड़ा। इससे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। भीड़ अधिक होने के कारण कई यात्रियों के सामान भी छूट गए।
एक यात्री बेहोश भी हो गया था। उसे किसी तरह आरपीएफ ने भीड़ से बाहर निकालकर खुली जगह बिठाया। इस दौरान वह ट्रेन में नहीं चढ़ पाया और उसका कुछ सामान भी छूट गया।
जो कोच नहीं उसका रिजर्वेशन
इस दौरान आरपीएफ के सामने एक यात्री पहुंचा। उसे एस -16 कोच का टिकट दिया गया था, लेकिन ट्रेन में वह कोच ही नहीं था। काफी खोजने के बाद भी जब वह कोच नहीं ढूंढ पाया तो आरपीएफ के पास पहुंचा। किसी तरह उसे अन्य डिब्बे में चढ़ाया गया।
तीन नंबर पर नहीं है इंडीकेटर
बताया गया है कि डिब्बे के बारे में उद्घोषणा की गई थी, लेकिन समस्या यह रही कि डिब्बों की स्थिति की जानकारी देने वाले इंडीकेटर तीन नंबर प्लेटफार्म पर नहीं हैं। साथ ही ट्रेन आने के समय यात्रियों के भारी कोलाहल के बीच यह घोषणा भी लोग नहीं समझ पाए। इससे ट्रेन आने पर उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
विकलांग और महिला कोच नदारद
सोमवार को यहां से रवाना हुई बांद्रा-पटना ट्रेन में विकलांग और महिला कोच भी नहीं था। इससे इन यात्रियों के लिए भी बहुत परेशानी खड़ी हो गई। आरपीएफ की मानें तो भारी भीड़ के कारण कई महिलाओं ने यात्रा ही नहीं की या भीड़ भरे डिब्बे में मजबूरी में किसी तरह चढ़ी।
प्लेटफार्म के चल रहे काम ने बढ़ाई परेशानी
प्लेटफार्म नंबर तीन पर इन दिनों शेड बनाने का काम चल रहा है। इसके कारण कई जगहों पर पिलर के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। इससे प्लेटफार्म पर आने जाने की जगह भी कम हो गई है। ट्रेन आने के बाद डिब्बे में चढऩे के लिए दौड़ लगा रहे यात्रियों को इससे भारी दिक्कत हुई। कोई यात्री दुर्घटनाग्रस्त न हो इसके लिए आरपीएफ और जीआरपी ने काफी मशक्कत की।
चढ़ाने वालों की भारी भीड़
बांद्रा-पटना ट्रेन में कोच की स्थिति बदलने के कारण सोमवार को यात्रियों के बीच भारी अफरा-तफरी मची थी। इस ट्रेन में यात्रियों को बिठाने के लिए भी बहुत लोग आते हैं। इससे समस्या और बढ़ जाती है। आरपीएफ ने यात्रियों को सुरक्षित और सुचारू रूप से डिब्बे में बिठाने का पूरा प्रयास किया गया था। होली से पहले का आखिरी फेरा होने के कारण भीड़ बहुत अधिक थी और लोग किसी भी स्थिति में डिब्बे में चढऩे की कोशिश में थे। ट्रेन के रवाना होने के बाद प्लेटफार्म पर काफी जूते चप्पल भी पड़े दिखे।
एचके चौहाण, आरपीएफ पीएसआई
Published on:
28 Feb 2018 06:04 pm
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