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एक इआइएल पर मनपा सिर के बल

तापी शुद्धिकरण के प्रयासों पर रिपोर्ट की कवायद

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सूरत

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Vineet Sharma

Aug 29, 2018

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तापी पर कन्वेंशनल बैराज को हरी झंडी का इंतजार

सूरत. तापी नदी को नेचुरल डस्टबिन की तरह इस्तेमाल करता आ रहा मनपा प्रशासन एनजीटी में एक इआइएल पर सिर के बल खड़ा हो गया है। इआइएल पर एनजीटी के सवालों के जवाब देने के लिए सभी संबंधित विभागीय प्रमुखों से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। मंगलवार को हुई बैठक में विभागीय प्रमुखों को एक सप्ताह के भीतर वांछित जानकारियां मुहैया कराने के लिए कहा गया है।

शहर की लाइफलाइन तापी कई वर्षों से वेंटिलेटर पर है। तापी में उद्योगों की गंदगी ही नहीं, मनपा प्रशासन की ड्रेनेज लाइन भी गिर रही हैं। हालांकि कुछ साल से मनपा प्रशासन ने नदी में गिर रही ड्रेनेज लाइनों पर काफी हद तक अंकुश किया है, लेकिन ऊपरी क्षेत्र में आज भी कुछ कनेक्शन सीधे तापी में जा रहे हैं। इसके अलावा बारिश के पानी को तापी में जाने के लिए बनाई गई स्टोर्म ड्रेनेज लाइनों से कई लोगों ने सीधे अपने ड्रेनेज कनेक्शन जोड़ दिए हैं। मनपा टीम ने ऐसे कई अवैध ड्रेनेज कनेक्शन स्टोर्म ड्रेनेज से हटाए, लेकिन इतने बड़े जाल में सभी अवैध कनेक्शन स्टोर्म ड्रेनेज से हट गए या कितने कनेक्शन अभी बाकी हैं, कहना मुश्किल है।

लगातार प्रदूषण की मार झेल रही तापी के शुद्धिकरण को लेकर लोगों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एनवायरमेंट इंटरेस्ट लिटिगेशन (इआइएल) डाली थी। इसमें मनपा प्रशासन पर लापरवाही बरतने और तापी को प्रदूषण से बचाने के लिए गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाया गया था। इस इआइएल पर एनजीटी ने मनपा प्रशासन को हालत साफ करने और अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। इस मामले को लेकर मंगलवार को विभागीय प्रमुखों की बैठक में चर्चा की गई। सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को विभागवार वांछित सूचनाएं एकत्र करने के लिए कहा गया। यह सूचनाएं सात दिन के भीतर एकत्र कर सिटी इंजीनियर को देनी होंगी। सिटी इंजीनियर मनपा के वकील को पूरी रिपोर्ट देंगे, जिसके आधार पर एनजीटी को दिया जाने वाला जवाब तैयार होगा।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

बैठक में मुख्य रूप से शहर की हद में ड्रेनेज और स्टोर्म ड्रेनेज लाइनों में अवैध कनेक्शनों की हालत, तापी नदी पर बनने वाले पुलों के लिए एन्वायरमेंट क्लीयरेंस, नदी किनारे हो रहे अवैध निर्माण को चिन्हित करने के साथ ही उन्हें हटाने के लिए किए गए उपायों पर चर्चा की गई। बैठक में नदी में बार-बार बिछने वाले जलकुंभी के जाल को स्थाई रूप से दूर करने के लिए उपायों पर भी चर्चा की गई।