
दिखाया कुछ जाता है, ग्राहकों तक पहुंचता है कुछ और
प्रदीप मिश्रा
सूरत एक ओर सरकार डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास कर रही है, दूसरी ओर सूरत के कपड़ा उद्योग को डिजिटल व्यापार में प्रवेश के साथ ही डुप्लीकेशन का ग्रहण लग गया है। सूरत के कपड़ों का ऑनलाइन व्यापार लगातार घटता जा रहा है।
कपड़ा उद्योग के सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ साल से विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कपड़े, मोबाइल, इलेक्ट्रोनिक्स आइटम सहित अनेक वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है। मोबाइल सहित कई वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद-बिक्री का चलन बढ़ रहा है, लेकिन साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स, कुर्ती तथा अन्य कपड़ो का ऑनलाइन व्यापार घटता जा रहा है। एक-दो साल पहले ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से बिक्री बढऩे के कारण सूरत के कई ब्रांडेड कपड़ा उद्यमियों ने भी विभिन्न पोर्टल के माध्यम से साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स, कुर्ती, लहंगा-चुनरी सहित अन्य कपड़े बेचने की शुरुआत की थी, लेकिन अब वह निराश हो गए हैं। उनका कहना है कि डुप्लीकेशन के कारण सूरत के कपड़ों का ऑनलाइन व्यापार चौपट हो गया है। कुछ लोग पोर्टल पर ब्रांडेड साडिय़ों या ड्रेस मटीरियल्स की डिजाइन चोरी कर कम कीमत पर बेचने का ऑफर देते हैं। ऑनलाइन खरीदने वाले ग्राहक स्क्रीन पर सिर्फ डिजाइन देखकर खरीद कर लेते हैं और जब उन्हे माल डिलीवर किया जाता है, तब वह अलग होता है। कुछ लोग ब्रांडेड कंपनियों के नाम से डुप्लीकेशन कर व्यापार कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसी कई घटनाओं के कारण ग्राहक सजग हो गए हैं। वह ऑनलाइन खरीदने से पहले सौ बार विचार करते हैं।
सूरत की कंपनी ने पोर्टल पर किया केस
सूरत की एक ब्रांडेड कंपनी ने ऑनलाइन व्यापार के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने वाले कई पोर्टल पर मुंबई हाइकोर्ट में केस कर रखा है। इन पोर्टल पर कुछ लोग सूरत की कंपनी की साड़ी के फोटो रखते थे और कम कीमत पर बेचने का ऑफर देते थे। ग्राहकों को लगता था कि सूरत की ब्रांडेड कंपनी की साड़ी कम कीमत पर मिल रही है। ग्राहकों को कम गुणवत्ता का माल मिलने से ब्रांड का नाम खराब हो रहा था। पता चलने पर सूरत की कंपनी ने पोर्टल को सूचित किया, लेकिन पोर्टल की ओर से उचित जवाब नहीं मिलने पर हाइकोर्ट में केस दाखिल किया गया।
होती है बदनामी
साड़ी और ड्रेस के मामले में सूरत देश में सबसे आगे हैं। कुछ चीटर व्यापारी यहां की ब्रांडेड कंपनियों के माल का डुप्लीकेशन कर कम कीमत पर बेचने का ऑफर देते हैं और ख्रराब माल बेचते हैं। इससे सूरत का नाम बदनाम होता है।
संजय सरावगी, उद्यमी
व्यापार आधा रह गया
ऑनलाइन व्यापार में कुछ लोग दिखाते कुछ और हैं और बेचते कुछ और हैं। इससे ग्राहकों का विश्वास उठ गया है। इसका नुकसान व्यापार को हो रहा है। सूरत के व्यापार को इसका ग्रहण लग गया है।
सुनील जैन, व्यापारी
कड़ा हो कॉपीराइट एक्ट
कुछ चीटर व्यापारी ब्रांडेड कंपनियों के कपड़ों की डिजाइन दिखाते हैं और आधी से कम कीमत पर बेचते हैं। बाद में कम गुणवत्ता का नकली माल भेज देेते हैं। ऑनलाइन व्यापार को इसका नुकसान हो रहा है। कॉपीराइट एक्ट कड़ा होना चाहिए।
गट्टू भाई, व्यापारी
Published on:
27 Aug 2018 08:02 am
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