
SPECIAL POLITICAL INTERVIEW: ‘मायड़ भाषा की मान्यता के लिए सड़क से सदन तक करेंगे संघर्ष’
सूरत. कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो दिल से उछालो यारों...कवि दुष्यंतकुमार की यह काव्य पंक्ति राजस्थान में शिव विधानसभा के निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी पर मानों बिल्कुल फिट बैठती है। युवा व संघर्षशील नेता भाटी युवावर्ग में खासे चहेते हैं और सोशल मीडिया पर इनकी भारी-भरकम फैन-फॉलोविंग हैं। वे हाल ही में सूरत आए और उन्होंने राजस्थान पत्रिका के साथ खास बातचीत में ऐसे कई संकल्प दोहराए, जिनके लिए उन्हें जाना जाता है। गौरतलब है कि रविंद्रसिंह भाटी को राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें ऐनवक्त पर पार्टी टिकट से वंचित रखा। तब भाटी ने बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत का परचम फहराया।
प्रश्न- संघर्षशील छात्र नेता की पहचान के साथ पहली बार विधानसभा पहुंचने का पहला अनुभव कैसा रहा?
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- विधानसभा चुनाव में जीत की खुशी बहुत ज्यादा है, लेकिन उससे भी बड़ी जिम्मेदारी है। मुझसे मेरी शिव की जनता को बहुत अपेक्षाएं हैं तो मुझे मेहनत भी वैसी ही करनी पड़ेगी। चुनाव के दौरान उनके साथ किए सभी वादों पर मुझे खरा उतरना पड़ेगा।
प्रश्न- विधानसभा में मायड़ भाषा अर्थात राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ले पाने का कितना मलाल है?
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- मेरा सदैव मन रहता है जितना संभव हो सके राजस्थानी भाषा में ही अपनी बात अपनों के साथ की जाए। प्रदेश की 8 करोड़ जनता भी चाहती है कि कोई हो जो एक दिन विधानसभा में मायड़ भाषा में शपथ लें। मैंने प्रयास किया, लेकिन सदन ने इसकी इजाजत नहीं दी। मैं पहले भी राजस्थानी भाषा की मान्यता की कई मूवमेंट से जुड़ा रहा हूं और आगे भी इस मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक प्रयास करता रहूंगा।
प्रश्न- राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में देशभर में बसे प्रवासी राजस्थानियों का समर्थन किस तरह से लिया जाएगा?
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- गुजरात समेत देशभर के सभी प्रदेश और विदेश में रह रहे प्रवासी राजस्थानी अपनी आने वाली पीढ़ी को मातृभाषा व मरुधरा संस्कृति से हमेशा जोड़कर रखें। व्यापार में वे खूब तरक्की करें और ऐसे संस्कार अपनी पीढ़ी को देते रहें वे अपनी मातृभूमि और मातृभाषा से कभी दूर ना रह सकें।
प्रश्न- आज के युवा विधायक रविंद्र सिंह भाटी को पांच वर्ष के विधायक कार्यकाल व विधानसभा अनुभव के बाद राजस्थान का युवा किस नज़रिए से देखना पसंद करेगा?
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- राजनीति में पद का कोई महत्व नहीं है क्योंकि यह आते-जाते रहते हैं। मैं तो हमेशा बड़े-बुजुर्गों का टाबर (बच्चा) और युवाओं का भाई बनकर उनके लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करता रहूंगा। युवा भाई मुझे इसी रूप में देखते रहे। यही मेरी इच्छा है और यही मेरा आगे भी भाव रहेगा।
प्रश्न- विधानसभा के साथ-साथ प्रवासियों से किया गया कोई ऐसा वादा जिसे पूरा करने की सदैव इच्छा है।
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र की शिव विधानसभा में पानी की समस्या बड़ी समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए मैं हर संभव प्रयास लगातार करता रहूंगा। यह भी सही है कि इस क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग परदेस में है और वे भी जब यहां आते हैं तो उन्हें इस समस्या का दुखी मन से सामना करना पड़ता है।
प्रश्न- लाठा हा लड़ लेस्या...के क्या मायने निकाले जाए?
विधायक रविंद्रसिंह भाटी- पांच सौ फीट जमीन खोदकर उसमें से पानी निकाल कर पीने वाला व्यक्ति कितना लाठा अर्थात मजबूत होगा, यह समझा जा सकता है। जीवन की हर परिस्थिति से लड़ लेने के लिए लाठा मतलब मजबूत होना जरूरी है और यहीं बात मैं कहता हूं लाठा हा लड़ लेस्या...।
Published on:
18 Jan 2024 07:25 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
