
SURAT NEWS: श्यामकुंज में गूंजा, नंद घर आनंद भयो...
सूरत. जो उत्साह के साथ मनाया जाए वही उत्सव है। जो वाणी, व्यवहार और विचार से सबको आनंद दे वही नंद है और जो दूसरे को यश प्रदान करें वही यशोदा है। यह बात सिटीलाइट स्थित महाराजा अग्रसेन भवन के श्यामकुंज में श्रीश्याम सरकार यात्रा संघ की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण यज्ञ के चौथे दिन शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग पर व्यासपीठ से पं. मालीराम शास्त्री ने कही।कथा में शास्त्री ने बताया कि गोकुल का अर्थ गो=इंद्रियां और कुल=समूह अर्थात इंद्रियों का समूह जो कि हमारा शरीर है वही गोकुल है। इंद्रियों के सुख को भोगने वाली देहरूपी नगरी मथुरा है और उस नगरी का राजा कंस था जबकि गोकुल में भगवान श्रीकृष्ण का राज था। कहने का अभिप्राय: है कि हम अपने शरीर को गोकुल बनाए रखें, जिसके लिये जरूरी है कि हमारी इंद्रियां भोग विलास में न फंसे। इन इंद्रियों का कार्य भगवान में रमण करना हो। पं. शास्त्री ने वामन अवतार मे वामन अवतार की कथा के दौरान तीन पांव भूमि थांसु मांग्यो राजा बामणियो..., तेरे द्वार खडा भगवान भगत भर दे रे झोली...आदि भजनों की प्रस्तुति भी दी। गंगा अवतरण की कथा में उन्होने बताया कि संतों के अपमान से नाश होता है। कपिल मुनि के अपमान के कारण सगर महाराज के 60 हजार पुत्र भस्म हो गए, जिनके उद्धार के लिए भागीरथजी भागीरथी (गंगा) को कपिल मुनि के आश्रम तक लाए और इनका उद्धार हुआ। समुद्र मंथन के बारे में पं. शास्त्री ने बताया कि जब सोलह साल की अवस्था में मनरूपी समुद्र में मंथन होता है, उस समय ईश्वर का सहारा ना मिले तो अमृत की जगह विष निकल आता है।
- मनी खुशियां, बंटी बधाइयां
आयोजक संघ के संजय गुप्ता, योगेश रामसिसरिया, विनय तुलस्यान आदि ने बताया कि कथा में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, वासुदेव द्वारा उन्हेें नंद बाबा के घर पहुंचाने, कृष्ण जन्म पर बधाई बांटने व खुशियां मनाने के घटनाक्रम को नृत्य-नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसके बाद रात्रि में श्रीरामायण प्रचार समिति की ओर से सुंदरकांड पाठ की प्रस्तुति दी गई। रविवार को कथा में कृष्ण लीला, गोवर्धन पूजा व छप्पनभोग के प्रसंग होंगे।
Published on:
23 Dec 2023 09:46 pm
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