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SURAT NEWS: ‘एक बार बालाजी पधारो म्हारे आंगणे…’

-श्रीहनुमत कथा की शुरू, निकली तुलसी कलश यात्रा  

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SURAT NEWS: ‘एक बार बालाजी पधारो म्हारे आंगणे...’

SURAT NEWS: ‘एक बार बालाजी पधारो म्हारे आंगणे...’

सूरत. तीन दिवसीय श्री हनुमत कथा की शुरुआत शुक्रवार सुबह तुलसी कलश यात्रा से की गई। आयोजक अध्यात्म चेतना चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कथा के पहले दिन सुबह यात्रा निकली और दोपहर में हनुमानजी महाराज का गुणगान सिटीलाइट स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में किया गया।

ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण तोला ने बताया कि तुलसी कलश यात्रा की शुरुआत सुबह 8 बजे न्यू सिटीलाइट स्थित श्रीमेहंदीपुर बालाजी मंदिर से बैंड-बाजे के साथ की गई। बाद में यात्रा विभिन्न मार्ग से होकर कथास्थली महाराजा अग्रसेन भवन के पंचवटी हाॅल पहुंची। ट्रस्ट के महासचिव अजय अग्रवाल ने बताया कि कलश यात्रा में बग्घी में सवार पंडित संजीवकृष्ण ठाकुर एवं दूसरी बग्घी में सालासर दरबार की झांकी शामिल थी। यात्रा में मातृशक्ति सिर पर तुलसी पात्र लेकर चलीं। इस दौरान भजन गायकों ने एक बार बालाजी पधारो म्हारे आंगणे..., थारी घणी रे करूं मनवार..., हे दुखभंजन मारुति नंदन सुन लो करुण पुकार...आदि भजनों की प्रस्तुति यात्रा में दी।मुख्य संयोजक विनोद पालव ने बताया कि कलश यात्रा के मार्ग पर ग्रीनवैली परिवार, श्रीश्याम प्रचार मंडल, सूर्यप्रकाश सोसायटी की ओर से यात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। इसके बाद दोपहर में व्यासपीठ से पंडित संजीवकृष्ण ठाकुर (वृंदावन) ने कथा में बताया कि हनुमानजी सब विद्या में पारंगत थे, सकल गुण निधान थे। उन्होंने वेद-पुराण, उपनिषद् आदि में हनुमान कथा के प्रसंगों का वर्णन किया। कथा के दौरान सीतारामजी की रजधानी लागे, म्हाने सरयूजी को पानी मीठो-मीठो लागे...आदि भजनों की प्रस्तुति दी। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

-विकारों के लिए धनुष-बाण धारण करो :

कथा में महाराज ने बताया कि हनुमानजी ने भगवान राम से कहा कि आप माता सीता सहित मेरे हृदय में वास करो। जब भगवान रघुनाथ हनुमत हृदय में विराजमान हुए तो हनुमान ने कहा कि भगवान आप एक चीज भूल गए हैं। आप धनुष-बाण को भी साथ में लो, क्योंकि मेरे मन में कभी विकार आ जाए तो आप उसे नष्ट कर सको।