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सूरत में महिला मजदूरों की हालत अन्य राज्यों से बेहतर : विजया चक्रवर्ती

सूरत के कपड़ा और हीरा उद्योग समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं की दशा को जानने-समझने के लिए पार्लियामेंट कमेटी ऑफ वुमेन एम्पावरमेंट की 10 महिला सांसदों ने बुधवार को पांडेसरा जीआइडीसी की एक इकाई का दौरा किया। दौरे के बाद कमेटी की चेयरपर्सन विजया चक्रवर्ती ने कहा कि सूरत में महिला श्रमिकों की हालत अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है।

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The condition of female laborers in Surat is better than other states: Vijaya Chakraborty

The condition of female laborers in Surat is better than other states: Vijaya Chakraborty

सूरत।सूरत के कपड़ा और हीरा उद्योग समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं की दशा को जानने-समझने के लिए पार्लियामेंट कमेटी ऑफ वुमेन एम्पावरमेंट की 10 महिला सांसदों ने बुधवार को पांडेसरा जीआइडीसी की एक इकाई का दौरा किया। दौरे के बाद कमेटी की चेयरपर्सन विजया चक्रवर्ती ने कहा कि सूरत में महिला श्रमिकों की हालत अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है।


चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने कई राज्यों में महिला श्रमिकों से बातचीत की है। सूरत में उनकी जितनी महिला श्रमिकों से बात हुई है, उससे लगता है कि यहां महिला श्रमिकों को अच्छा वेतन, बोनस और अच्छे माहौल में काम का मौका मिलता है।


सुबह विजया चक्रवर्ती के साथ सूरत की सांसद दर्शना जरदोष और आठ अन्य महिला सांसदों ने लक्ष्मीपति मिल का दौरा किया। उन्होंने वहां अलग-अलग विभाग में काम करने वाली महिलाओं से पूछा कि उनका वेतन कितना है, समय पर दिया जाता है या नहीं, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम हैं? महिला सांसदों की टीम ने बाद में घरों पर साड़ी वगैरह का जॉब वर्क करने वाली कुछ महिलाओं से बात कर उनके हालात जाने। लक्ष्मीपति ग्रुप के एम.डी संजय सरावगी के साथ टीम ने इस पर चर्चा की गई कि जीएसटी के बाद महिलाओं के रोजगार पर क्या असर पड़ा है।
सरावगी ने उन्हें बताया कि आइटीसी-04 के कारण महिलाओं के रोजगार पर असर पड़ रहा है, क्योंकि जीएसटी के नियम के अनुसार जॉब वर्क के लिए जो माल जाएगा, उसकी जानकारी रिटर्न में दर्शानी होगी। उद्यमियों को यह अटपटा लग रहा है। उलझन से बचने के लिए कई उद्यमियों ने कपड़े महिलाओं के पास भेजने के स्थान पर खुद ही काम शुरू कर दिया है। इसका असर महिला श्रमिकों पर पड़ रहा है। इससे कुछ महिलाएं बेरोजगार हुई हैं।


छोटी इकाइयों में नहीं गई टीम


महिला सांसदों के दौरे को लेकर चर्चा रही कि बड़ी औद्योगिक इकाइयों में तो सब कुछ पहले से ठीक है, वहां श्रमिकों के लिए व्यवस्थाएं होती हैं। यदि वास्तविक हालात जानने हैं तो टीम कुछ छोटी इकाइयों में जाती और वहां जीएसटी के बाद महिला श्रमिकों के रोजगार पर क्या असर पड़ा है, यह जानने का प्रयास करती तो शायद कुछ और तस्वीर सामने आती। बताया जा रहा है कि जो महिलाएं घर में साडिय़ों पर काम करती थी, जीएसटी के बाद उनका काम बंद हो गया है।


सुमुल डेयरी और धर्मनंदन यूनिट का भी दौरा

टैक्सटाइल इंडस्ट्री में महिलाओं की दशा जानने के बाद महिला सांसदों की टीम ने डेयरी इंडस्ट्री में महिलाओं की हालत समझने के लिए सुमुल डेयरी का दौरा कर वहां काम करने वाली महिलाओं और डेयरी के अधिकारियों से चर्चा की। बाद में टीम ने धर्मनंदन डायमंड में हीरों का कारोबार समझा और वहां काम करने वाली महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओंं के बारे में जानने का प्रयास किया।