
गुजरात का अकेला शहर जिसे मिला वाटर प्लस का सर्टिफिकेट
सूरत. देश में सूरत की खनक एक बार फिर बढ़ी है। इस बार सूरत ने पानी की गुणवत्ता को लेकर नया कीर्तिमान कायम किया है। सूरत गुजरात का अकेला शहर है जिसे आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने एसबीएम वाटर प्लस प्रोटोकॉल गाइडलाइन (टूलकिट) को लेकर वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए चुना है।
केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने 15 अगस्त 2016 को स्वच्छ सर्वेक्षण -2020 और एसबीएम वाटर + प्रोटोकॉल गाइड (टूलकिट) लांच की थी। बाद में इन दिशानिर्देशों को मई 2020 में मंत्रालय ने आंशिक रूप से संशोधित किया था। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के दौरान जल + प्रोटोकॉल प्रमाणन के 200 अंक निर्धारित किए गए हैं। वाटर प्लस प्रोटोकॉल के तहत शहरों और कस्बों को वैज्ञानिक तरीके से संशोधित करने के बाद ही अपशिष्ट जल का निपटान किया जाना है। इसका मकसद पर्यावरण और जलीय जीवन को संरक्षित और सुरक्षित रखना है। मंत्रालय ने पाया कि सूरत इन मानकों पर खरा उतरा है। इसके बाद सूरत को वाटर प्लस सर्टिफिकेट दिया गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला सूरत गुजरात का अकेला शहर है।
यह थी वाटर प्लस प्रोटोकॉल की टूलकिट
वाटर प्लस की टूलकिट के तहत वेस्ट पानी का वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस, ट्रीटिड वेस्ट वाटर का कम से कम 25 फीसदी रियूज वह चाहे बागवानी में हो या फव्वारा और औद्योगिक इस्तेमाल या फिर अन्य दूसरी जगहों पर, आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षित ड्रेनेज की व्यवस्था, आवासीय इलाकों में ड्रेनेज की नियमित साफ-सफाई, स्टॉर्म ड्रेनेज की नियमित साफ-सफाई, सेप्टिक टैंक या ड्रेनेज लाइन की मानव रहित सफाई की व्यवस्था और अपशिष्ट जल के लिए एसटीपी की व्यवस्था और एसटीपी के संचालन के लिए आय के स्रोत की व्यवस्था करना मुख्य था।
थर्ड पार्टी के फील्ड इंस्पेक्शन ने की जांच
टूलकिट पर अमल को लेकर केंद्र सरकार ने थर्ड पार्टी से फील्ड इंस्पेक्शन कराया था। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सूरत के कामकाज की सराहना की थी। इंस्पेक्शन के लिए आई टीम ने माना कि कोरोना महामारी के दौर में भी सूरत मनपा ने बेहतर काम किया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर सूरत को यह सर्टिफिकेट दिया गया।
Published on:
11 Aug 2021 09:04 pm
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