
SCAM : अलग-अलग मॉडल की दो कारे, दोनों का रजिस्ट्रेशन नंबर एक !
सूरत.(दिनेश एम. त्रिवेदी) सूरत आरटीओ में पहले रजिस्टर्ड हो चुकी एक कार के नम्बर पर दूसरी कार का रजिस्ट्रेशन करने का सामने आया है। आरटीओ के इस घपले की वजह से कार के मालिक को कई महीनों से सूरत और बारडोली आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नाना वराछा निवासी शैलेश तेजाणी ने 22 दिसम्बर, 2011 को कटारिया मोटर्स से स्कोडा कार खरीदी थी। इसका चैसिस नम्बर टीएमबीबीएलएमएनए१ बीजी 0011575 था। 27 दिसम्बर, 2011 को उसने सूरत आरटीओ में कार का रजिस्ट्रेशन करवाया था। उसे जीजे 5 जेए 1712 रजिस्ट्रेशन नम्बर दिया गया। इस कार का इस्तेमाल उसका मित्र पीपलोद शिखर रेजिडेंसी निवासी जीतू शर्मा करता रहा। अप्रेल में उसने कार बेचने का मन बनाया और एनओसी के लिए सूरत आरटीओ पहुंचा तो चौंकाने वाली बात बता चली। उसे पता चला कि उसकी गाड़ी अप्रेल 2016 में बारडोली आरटीओ में कल्पेश कुमार के नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है। उसने कल्पेश से संपर्क किया तो उसके पास स्विफ्ट कार मिली। कल्पेश ने उसे बताया कि उसने कार सूरत के महावीर ऑटो कंसलटेंट से खरीदी थी। इसका रजिस्ट्रेशन नम्बर भी जीजे 5 जेए 1712 था। उसके पास कार का बिल था, जिसमें वह किसी रक्षित पटेल के नाम पर 19 नवम्बर, 2012 को खरीदी गई थी। सूरत आरटीओ में कथित तौर पर उसका 5 दिसम्बर, 2012 को रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। कल्पेश की कार का चैसिस नम्बर एमए३इएसकेडीआइएस 00440291 था।
स्विफ्ट पर बकाया है साढ़े नौ लाख का लोन
जीतू शर्मा ने बताया जब उसने चैसिस नम्बर के आधार पर पड़ताल की तो पता चला कि स्विफ्ट रक्षित पटेल ने अहमदाबाद से खरीदी थी। अहमदाबाद आरटीओ में जीजे १ केएस १७१२ नम्बर से उसका रजिस्ट्रेशन करवाया गया था और उस पर आइसीआइसीआइ बैंक से लोन लिया गया था, लेकिन किस्तों की भरपाई नहीं की गई। इसका ब्याज समेत ९ लाख ५१ हजार ४४८ रुपए बकाया है। कार बैंक को सरेंडर भी नहीं की गई। जीतू शर्मा ने इस बारे में जानकारी दी तो सूरत आरटीओ ने उसे बारडोली आरटीओ से संपर्क करने के लिए कहा। उसने बारडोली आरटीओ से संपर्क किया, लेकिन वहां भी कोई हल नहीं निकला। शैलेश तेजाणी ने बारडोली आरटीओ में कार उसकी होने का शपथ पत्र लिख कर दिया। फिर भी उसे एनओसी नहीं दी गई। वह लगातार सूरत और बारडोली आरटीओ के चक्कर लगा रहा है।
आरटीओ की भूमिका पर उठे सवाल
यह मामला सामने आने के बाद आरटीओ की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अव्वल तो यह कि यदि सूरत आरटीओ में नियमानुसार रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की गई तो एक ही नम्बर पर दो गाडिय़ां कैसे रजिस्टर्ड हो गईं? बाद में जब कार रिसेल हुई तो बिना जांच-पड़ताल एनओसी कैसे जारी कर दी गई? बारडोली आरटीओ ने भी चैसिस नम्बर के आधार पर गाड़ी की जांच क्यों नहीं की? जब शिकायत मिली तो सूरत और बारडोली के आरटीओ अधिकारियों ने इस संबंध में जांच क्यों नहीं की और पुलिस में शिकायत क्यों दर्ज नहीं करवाई?
पल्ला झाड़ रहे हैं अधिकारी
इस मामले की जानकारी के लिए सूरत आरटीओ अधिकारी डी.के.चावड़ा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शैलेश तेजाणी की कार का जो भी लफड़ा है, वह बारडोली का है और उसका निराकरण वहीं से होगा। उन्होंने कोई और स्पष्टीकरण नहीं दिया। बारडोली आरटीओ एम. भंगाले से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे फिलहाल जानकारी नहीं है। मैं इस बारे में सोमवार को पता करके ही कुछ बता पाऊंगा।
Published on:
21 Jan 2020 09:58 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
