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VIDEO NEWS मासिक धर्म को बनाना होगा जीवन का एक सामान्य फैक्ट

मासिक धर्म को लेकर जागरुकता के अभाव में महिलाएं हो रहीं विषमताओं का शिकार, मासिक धर्म पर सकारात्मक चर्चा के साथ ही सस्टेनेबल मेन्सुरेशन पर वैज्ञानिक जानकारी देने की भी जरूरत

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सूरत

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Vineet Sharma

May 29, 2023

VIDEO NEWS मासिक धर्म को बनाना होगा जीवन का एक सामान्य फैक्ट

VIDEO NEWS मासिक धर्म को बनाना होगा जीवन का एक सामान्य फैक्ट

विनीत शर्मा

सूरत. मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं के शरीर में हर महीने होने वाली प्राकृतिक क्रिया है। समाज में पीरियड्स को लेकर कई मिथक हैं, जिनकी वजह से मेंसुरेशन हाइजीन गंभीर समस्या बनी हुई है। मासिक धर्म को लेकर जागरुकता के अभाव में महिलाएं विषमताओं का शिकार हो रही हैं। इन विषमताओं को दूर करने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस साल का थीम '2030 तक मासिक धर्म को जीवन का एक सामान्य फैक्ट बनाना' है।


मेंसुरेशन हाइजीन पर डॉ. अमी याग्निक से बातचीत

पत्रिका: सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर विपरीत असर की बात की जा रह है। आपका इसे किस तरह देख रही हैं?

अमी याग्निक: कई रिपोट्र्स में यह बात सामने आई है कि सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल से कैंसर और हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी बीमारियां हो रही हैं। सेनेटरी नैपकिन महिलाओं केे स्वास्थ्य ही नहीं पर्यावरण के लिए भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं। महिलाओं को इनके इस्तेमाल से परहेज बरतना चाहिए।

पत्रिका: सेनेटरी नैपकिन का विकल्प क्या हो सकता जो सुरक्षित भी हो और सहूलियतभरा भी है?

अमी याग्निक: फेब्रिक नैपकिन और मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल पर शिफ्ट होना चाहिए। यह इस्तेमाल में भी आसान हैं और स्वास्थ्य पर भी कोई खराब असर नहीं डालते। मेंस्ट्रुअल कप ज्यादा आजादी देते हैं और इस्तेमाल में भी आसान हैं।

पत्रिका: मासिक धर्म की जटिलताओं से बचने का क्या उपाय है?

अमी याग्निक: मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बचपन से ही मासिक धर्म से जुड़ी सही जानकारी देने की जरूरत है। मासिक धर्म पर सकारात्मक चर्चा के साथ ही सस्टेनेबल मेन्सुरेशन पर वैज्ञानिक जानकारी देने की भी जरूरत है।

पत्रिका: मासिक धर्म की जटिलताओं के लिए जलवायु परिवर्तन का क्या रोल है?

अमी याग्निक: जलवायु परिवर्तन भी मासिक धर्म को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसका सीधा असर तो यही है कि जब भी प्राकृतिक आपदा आती है तो सबसे ज्यादा प्रभाव मासिक धर्म से गुजर रही महिला पर ही पड़ता है।