मास्टर प्लान लागू करने के पूर्व शहरवासियों व जनप्रतिनिधियों के आपत्तियों का ध्यान रखा जाता तो आज शहर का व्यवस्थित विकास हो पाता। प्लान में ग्रीन बेल्ट सिर्फ कागजों पर ही नजर आता है, इसका कहीं पता नहीं है। ऐसी ही स्थिति पार्किंग को लेकर है, पार्किंग की कोई सुविधा नहीं होने से आए दिन यातायात की समस्या से शहर के लोगों को दो-चार होना पड़ता है।