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Master Plan : आपत्तियों का रखते ध्यान तो इस City का होता व्यवस्थित विकास

शहर का मास्टर प्लान व्यवस्थित नहीं होने से पार्किंग को लेकर हमेशा बनी रहती है समस्या, वर्ष 2011 में तैयार किया गया था मास्टर प्लान

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Pranayraj rana

Jan 15, 2017

Ambikapur city

Ambikapur city

अंबिकापुर.
मास्टर प्लान लागू करने के पूर्व शहरवासियों व जनप्रतिनिधियों के आपत्तियों का ध्यान रखा जाता तो आज शहर का व्यवस्थित विकास हो पाता। प्लान में ग्रीन बेल्ट सिर्फ कागजों पर ही नजर आता है, इसका कहीं पता नहीं है। ऐसी ही स्थिति पार्किंग को लेकर है, पार्किंग की कोई सुविधा नहीं होने से आए दिन यातायात की समस्या से शहर के लोगों को दो-चार होना पड़ता है।


शहर का मास्टर प्लान वर्ष 2011 में तैयार किया गया था। इस प्लान को तैयार करने के दौरान न तो शहर के किसी भी विशेषज्ञ को इसमें शामिल नहीं किया गया था। इसकी वजह से शहर का मास्टर प्लान तो बना जरूर, लेकिन वह शहर के विकास में सहायक बनने के बजाए बाधक बना हुआ है।


शहर का मास्टर प्लान बनने के साथ ही विवादों से घिर गया था। इसे लेकर जहां वर्तमान नगर निगम के सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि असमंजस में थे, वहीं विपक्ष इसे लेकर मुखर था। दोनों की आपसी सहमति से मास्टर प्लान को लेकर नगर निगम का विशेष सामान्य सभा आहूत की गई थी।


फिर मास्टर प्लान को रद्द करने का अनुमोदन कर शासन को भेजा गया। लेकिन शासन ने नगर निगम के प्रस्ताव को भी रद्दी की टोकरी में डालते हुए 2021 का इंतजार करने को कहा। इस प्लान में ग्रीन बेल्ट तो दिखाया गया है, लेकिन आज वह शहर में कहां है। इसकी जानकारी खुद नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है।


जहां रिहायशी क्षेत्र मास्टर प्लान में बताया गया है, वहां व्यवसायिक परिसर संचालित हो रहा है। मास्टर प्लान सहीं नहीं होने की वजह से बेतरतीब ढग़ से शहर का विकास किया जारहा है, जो आने वाले समय में न केवल प्रशासन के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी परेशानी का कारण बन सकता है।


जनसंख्या बढऩे के साथ नहीं हुआ शहर का विकास

शहर की जनसंख्या आज सवा लाख से अधिक हो गई है। लेकिन जिस गति से इसका विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो सका है। शहर की सड़कों को चौड़ीकरण के लिए तोडफ़ोड़ तो की गई, लेकिन हरियाली के लिए कहीं व्यवस्था नहीं की गई। इसकी वजह से आने वाले समय मेंं जब कभी हरियाली की बात आएगी तो मास्टर प्लान में यह सिर्फ कागजों में नजर आएगा।


पार्किंग का पता नहीं

शहर के अंदर पार्किंग व्यवस्था बनाने के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों व शहर के लोगों के बीच बैठक हुई थी। इसमें शहर के विभिन्न जगहों पर पार्किंग व्यवस्था के लिए स्थल का सुझाव दिया गया था। लेकिन इसे मास्टर प्लान में जगह नहीं मिल सकी। इसकी वजह से शहर की सड़कें सकरी हो गई हैं और पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से आए दिन शहर के अंदर विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है।

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