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आद्रवासिनी लेहड़ा देवीः कन्या के रूप में दर्शन दिए थे मां ने, नारियल चढ़ाने पर पूरी होती है मन्नत

आद्रवासिनी लेहड़ा मंदिरः सुंदर कन्या के रूप में दर्शन दिए थे मां ने, नारियल चढ़ाने पर पूरी होती है मन्नत

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Sunil Sharma

Oct 02, 2016

lehra devi temple UP

lehra devi temple UP

उत्तर प्रदेश के महराजगंज में पवह नदी के तट पर स्थित शक्तिपीठ माता आद्रवासिनी लेहड़ा देवी मन्दिर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों की आस्था एवं विश्ववास का केन्द्र है। माना जाता है कि सच्चे मन से मांगी गयी यहां हर मुराद पूरी होती है।

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गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरखपुर से 51 किलोमीटर उत्तर हिमालय की तराई में महराजगंज के फरेन्दा तहसील से नौ किलोमीटर की दूरी पर पवह नदी के तट पर स्थित शक्तिपीठ माता आद्रवासिनी लेहड़ादेवी का मन्दिर वनों से आच्छादित क्षेत्र में स्थित है। लेहड़ा दुर्गामन्दिर का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व है।

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महाभारत काल में भीम ने की थी मंदिर की स्थापना

माता आद्रवासिनी शक्तिपीठ लेहड़ा दुर्गा मन्दिर को महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। मान्यता है कि पाडण्वों ने अपने अज्ञातवास के दौरान काफी समय यहीं व्यतीत किया था। पाण्डु पुत्र भीम द्वारा मन्दिर में स्थित पिण्डी की स्थापना की गयी थी। पाण्डवों ने यहाँ जगत जननी माँ जगदम्बे की उपासना और अराधना की थी।

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चीनी यात्रियों ने भी लिखा है मंदिर के बारे में

गुप्त काल में भारत भ्रमण पर आए चीनी यात्री ह्वेंनसांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में भारत प्रवास के दौरान इस मन्दिर के बारे में लिखा है। अन्य पौराणिक कथाओं के आधार पर भी कहा जाता है कि किसी समय यहाँ से होकर पवह नदी बहा करती थी आज भी वह पवह नाले के रूप में मन्दिर के पीछे मौजूद है।

नाविक को दिए थे सुंदर कन्या के रूप में दर्शन
किंवदंती है कि एक बार देवी सुन्दर कन्या के रूप में नाव से नदी को पार कर रही थीं। उनकी सुन्दरता देखकर नाविक के मन में दुर्भावना आ गई और उसने मां को छूने का प्रयास किया। उसी समय देवी अपने विलक्षणरूप में आ गई। यह देख नाविक घबराकर उनके पैरो में गिर गया और क्षमा याचना करने लगा।

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मां को दया आ गई और उन्होंने नाविक को वरदान दिया कि जब भी श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए आद्रवन शक्तिपीठ आएंगे तो नाविक को भी याद करेंगे। मन्दिर के पूरब दिशा में एक नाव पर देवी की प्रतिमा मौजूद है। मन्दिर का मुख्य प्रसाद नारियल व चुनरी है।


मान्यता है कि यहाँ सच्चे मनसे मांगी हर मुराद पूरी होती है प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु शारदीय नवरात्र व चैत्र रामनवमी में दूर दराज से दर्शन के लिये आते है और अपनी मनचाही मुराद पूरी होने पर मां को नारियल चुनरी चढ़ाते हैं