
भूलकर भी इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ न करें मां का दर्शन, नहीं तो...
कहा जाता है कि शादी के बाद सभी शुभ कार्य पति-पत्नी को एक साथ ही करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं। यही नहीं, ये भी कहा जाता है कि संभव हो तो मंदिर भी पति-पत्नी को एक साथ ही जाना चाहिए। लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि एक ऐसा मंदिर भी है जहां पति-पत्नी को एक साथ जाने की इजाजत नहीं है। यहां पर एक साथ पति-पत्नी को पूजा अर्चना करना, दर्शन करने पर पूरी तरह रोक है। अब आप सोंच रहे होंगे कि ऐसा क्यों, तो हम आपको बताते हैं...
हिमाचल प्रदेश में एक श्राई कोटि माता का मंदिर है। यह मंदिर शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर में पति-पत्नी को माता का पूजन और दर्शन पर पूरी तरह रोक है। इस मंदिर में एक साथ तो जा सकते हैं लेकिन एक साथ दर्शन नहीं कर सकते हैं। यहां पहुंचने वाले दंपती अलग-अलग समय पर मां के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई एक साथ जाकर माता का दर्शन करता है तो उसे सजा भुगतनी पड़ती है।
मान्यता है कि जब भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेय को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने को कहा था, तब कार्तिकेय अपने वाहन पर बैठकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने चले गए थे, जबकि गणेश माता-पिता का चक्कर लगाकर कह दिया कि माता-पिता के चरण में ही ब्रह्मांड है। इसके बाद जब कार्तिकेय लौट कर आये तो उन्होने देखा कि गणेश जी का विवाह हो चुका है। इसके बाद उन्होंने कभी भी शादी नहीं करने का संकल्प ले लिया।
कार्तिकेय के विवाह नहीं करने के प्रण पर माता पार्वती बहुत ही नाराज हुईं। उन्होंने श्राप दिया कि जो भी पति-पत्नी एक साथ यहां उनके दर्शन करेंगे, वह एक दूसरे से अलग हो जाएंगे। यही कारण है कि आज भी इस मंदिर में एक साथ पति-पत्नी दर्शन नहीं करते हैं। माना जाता है कि अगर कोई दंपती भूलवश भी मंदिर में एक साथ दर्शन कर लेता है तो उसके वैवाहिक जीवन में बाधाएं आने लगती है।
Updated on:
13 May 2019 03:43 pm
Published on:
13 May 2019 03:41 pm
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