
Ganesh Temple
Ganesh Temple: भगवान गणेश हिन्दू धर्म के लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। कोई शुभ कार्य इनकी पूजा के बगैर नहीं होता। भगवान गणेश को गणपति एवं विनायक आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान गणेश, भगवान शिव एवं देवी पार्वती के पुत्र तथा भगवान कार्तिकेय के भाई हैं। भगवान गणेश को साक्षात बुद्धि का स्वरुप माना जाता है। देश में भगवान गणेश के चमत्कारिक मंदिर भी हैं। आइए जानते हैं उन Famous Ganesh Temple के बारे में।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह में दो चतुर्थी पड़ती है। इसमें शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान गणेश के दो पुत्र हैं। इनका नाम शुभ और लाभ है। शुभ व लाभ दोनों शुभता एंव आर्थिक लाभ के प्रतीक हैं। शुभ देवी रिद्धि के पुत्र हैं तथा लाभ देवी सिद्धि के पुत्र हैं।
मुद्गल पुराण के अनुसार, गणेश के आठ प्रमुख एंव महत्वपूर्ण अवतार हैं, जो कि अष्टविनायक के रूप में लोकप्रिय हैं। भगवान गणेश के अन्य 32 भिन्न-भिन्न रूप भी है जिनकी पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान गणेश के वैवाहिक जीवन के सन्दर्भ में विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं। एक मत के अनुसार गणेश जी अविवाहित एवं ब्रम्हाचारी भी हैं। मुद्गल पुराण एवं शिव पुराण के अनुसार भगवान गणेश के वैवाहिक जीवन की प्रमाणिकता को आधार माना जाता है। कहा जाता है कि गणेश जी के देश में कई चमत्कारिक टेंपल भी है जिनके दर्शन से धर्म का लाभ मिलता है। तो आइए जानते हैं इन चमत्कारिक टेंपल के बारे में ...
यह मंदिर मुंबई में स्थित है। सिद्धिविनायक गणेश जी का लोकप्रिय रूप भी है। ऐसा कहा जाता है कि जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाई तरह मुड़ी होती है, वे मूर्तियां सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं। कहा जाता है कि सिद्धि विनायक मंदिर की महिमा अपरंपार है।सिद्धिविनायक गणेश जी भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा कर देते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणेश जी बहुत जल्दी प्रसन्न भी होते हैं।
यह मांदिर पुणे में स्थित है। इस मंदिर की इतनी मान्यता है कि हर साल इस मंदिर में लाखो करोड़ों की संख्या में भक्त आते हैं। इस मंदिर में एक भावुक कर देने वाली भी कहानी जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि कई साल पहले अपना इकलौता बेटा प्लेग में खोने के बाद श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई और उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई ने इस गणेश मूर्ति की स्थापना की थी, जो अब भक्तों के लाड़ले भक्त बन चुके हैं।
यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित सबसे बड़ा मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा स्वयं प्रकट मानी जाती है। इस मंदिर में सभी भक्त अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए आते है। विघ्नेश्वर, दुःख के मध्यस्थ के रूप में भी जाने वाले गणेश हमेशा हिंदू देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते हैं, ताकि वे भक्तों के मार्ग में बाधा न डालें।
यह मंदिर 7 वी शताब्दी में बना एक हिंदू मंदिर है। जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर भारत के तमिलनाडू के त्रिची में रॉक फोर्ट के शीर्ष पर स्थित है। इस मंदिर के बारे में सबसे प्रसिद्ध बात यह है कि इस मंदिर की स्थापना का कारण रावण का धर्मनिष्ठ भाई विभीषण को माना जाता है। इस मंदिर पर पहुचने के लिए 400 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है।
Ganesh Temple Jaipur: मोतीडूंगरी की तलहटी में भगवान गणेश का ये मंदिर आस्था और चमत्कार का केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्थापित भगवान गणेश कि प्रतिमा जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की पटरानी के पीहर मावली से सन् 1761 में लाई गई थी। उस समय यह प्रतिमा 500 वर्ष पुरानी थी। उस समय नगर सेठ पल्लीवाल ये मूर्ति लेकर आए थे और उन्हीं की देख-रेख में मोती डूंगरी की तलहटी में इस मंदिर को बनवाया गया था। विनायक के मंदिर में लोग अपनी नई गाड़ी की पूजा कराना बेहद शुभ मानते है और बुधवार के दिन यहां का नजारा कुछ अलग ही रहता है ऐसा माना जाता है कि मोती डूंगरी में पूजा कराने से क दुर्घटना नहीं होती है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
06 Nov 2024 05:45 pm
Published on:
06 Nov 2024 05:20 pm
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