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इस मंदिर के द्वार में छुपा है गोपनीय रहस्य, खुल गया तो आ सकता है भयंकर प्रलय

इस मंदिर के द्वार में छुपा है गोपनीय रहस्य, खुल गया तो आ सकता है भयंकर प्रलय

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Tanvi Sharma

Sep 03, 2018

padmanabh

इस मंदिर के द्वार में छुपा है गोपनीय रहस्य, खुल गया तो आ सकता है भयंकर प्रलय

केरल के तिरुवनंतपुरम शहर के बीच में स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। खूबसूरत द्रविड़ शैली से बने मंदिर में भगवान विष्णु का वास है। यहां विष्णु जी ब्रह्मांडीय नागिन अनाथन पर सहारा लेकर विराजमान की मुद्रा में हैं। मंदिर में भगवान विष्णु की यानि पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति मंदिर के आकर्षण का केंद्र है। पद्मनाभ स्वामी का यह अद्भुत मंदिर 12,000 सालिग्रामों से बना हुआ है। मंदिर की कुल संपत्ति लगभग 1,32,000 करोड़ है, इस संपत्ति में सोने की मूर्तियां, सोना-चांदी, हीरे, पन्ने सहीत कई किमती गहनें शामिल है। इस खज़ाने में कीमती पत्थरों से जड़ें दो स्वर्ण नारियल के गोले भी हैं।

पद्मनाभ मंदिर के सांतवे द्वार को खोलने व उसके खजाने को खोलने की बात होती है, तो एक भय व अनहोनी की कहानी सामने आ जाती हैं। क्योंकि मंदिर के सांतवें द्वार पर कोई ताला नहीं लगा है ना ही कोई कुंड़ी लगी है। बल्कि सांपों के प्रतिबिंब ही इस द्वार की रक्षा करते हैं और इस गेट को खोलने के लिए किसी कुंजी की ज़रूरत नहीं पड़ती है, इसे मंत्रोच्चारण की मदद से ही खोल सकते हैं। यह एक गुप्त गृह है, जिसके द्वार को खोलने के लिए 16वीं सदी के सिद्ध पुरूष, योगी या फ़िर कोई तपस्वी की आवश्यकता है। गरुड़ मंत्र की मदद से ही इस द्वार को खोला जा सकता है। क्योंकि नियमों के अनुसार गरुड़ मंत्र का स्पष्ट तरीके से उच्चारण करने वाला सिद्ध पुरूष ही इस गेट को खोल पाएगा। अगर उच्चारण सही से नहीं किया गया, तो उसकी मृत्यु हो जाती है।

सातवें दरवाजे को खोलने के बारे में देश का उच्चतम न्यायालय फैसला करने वाला है। वहीं मंदिर के बारे में 90 वर्षीय त्रावणकोर राजपरिवार के प्रमुख तिरुनल मार्तंड वर्मा का कहना है की मंदिर के सातवें द्वार के खुलने का मतलब देश में प्रलय आना है। हमारी कोशिश है कि इसे रहस्य ही रहने दिया जाए। इस मंदिर से मिली संपत्ति को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वाकई यह काफ़ी रहस्यमयी मंदिर है। वहीं उनका कहना है कि इस तहखाने को खोलने से अपशकुन हो सकता है। राज परिवार के एक सदस्य़ का तो ये भी कहना है कि सातवें तहखाने में एक गुप्त सुरंग मौजूद है जो सीधे समंदर में जाकर खुलती है। इस तहखाने में कई ऐसे राज दफन हैं जिसके तिलिस्म को तोड़ना अच्छा नहीं है।

लोहे की दिवार तोड़ी तो गिर सकता है मंदिर

पद्मनाभ मंदिर को लेकर राज परिवार का कहना है की इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में यदि मंदिर के सातवें द्वार को खोलने के लिए लोहे की दीवार को तोड़ना पड़ेगा जो की उचित नहीं है। इस तहखाने की दीवार लोहे की बनाने के पीछे कारण था। मंदिर के सातवें द्वार की दीवार से पूरे मंदिर को सपोर्ट मिलता है और अगर इस लोहे की दीवार के साथ छेड़छाड़ की गई तो हो सकता है कि मंदिर की नींव कमजोर पड़ जाए और मंदिर गिर पड़े। मंदिर के इस तहखाना को आखिरी बार 136 साल पहले खोला गया था।