दो दिन पूर्व जिले में वितरण होने के लिए आई खाद को इस बार प्रशासन के निर्देशन पर जिले की 14 सहकारी समितियों पर भेजने के साथ ही इसमें से 307 टन डीएपी खाद प्राइवेट डीलरों को दी गई थी। सहकारी समितियों पर खाद पहुंचने पर कुछ जगह शनिवार को इसका वितरण होना बताया गया तो कुछ सहकारी समितियां अवकाश होने की बात कह दुकान बंद किए रही। वहीं प्राइवेट डीलरों के यहां पहुंची खाद की जानकारी की गई तो सभी ने अपनी खाद का पूरा वितरण हो जाने की बात कही। इस खाद में सबसे अधिक 125 टन डीएपी का आवंटन सुरेश एंड कंपनी को किया गया था।
इसके संचालक अभय जैन से बात की तो उनका कहना था कि उनकी पूरी खाद बंट चुकी है। एक दिन ही इतनी अधिक खाद वितरित होने की बात पर उनका कहना था कि उनके पास जिले में 150 रिटेलर है। ऐसे में उन्होंने सभी को कुछ-कुछ खाद भेज दी है। यही हाल नरेंद्र एंड संस का था। इन्हें 81 टन खाद दिया गया था। इनके संचालक अचिन भामरी से बात की तो उनका कहना है कि खाद बट गई है और फिर से रैक आने पर ही दे पाएंगे। वहीं जय पारस खाद भंडार भी 54 टन डीएपी को अपने एजेंट को वितरित करने की बात कह रहे है। संचालक शशांक जैन का कहना था कि उनके पास पहले से अन्नदाता खाद है, ऐसे में उन्होंने मात्र 8 टन खाद ली थी और शेष खरगापुर भेज दी थी। यह 8 टन खाद भी शाम को ही पीओएस मशीन के माध्यम से वितरित करा दी थी।
नहीं रुक रही कालाबाजारी, किसान हो रहे परेशान प्रशासन सरकारी वितरण केंद्र पर तो व्यवस्थाएं बनाते दिखाई दे रहे है, लेकिन प्राइवेट दुकानों पर बड़े दाम पर बिकने वाली खाद को लेकर न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही यहां पर किसानों की सुविधा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। किसानों का कहना है कि प्रशासन यदि प्राइवेट दुकानों पर भी कर्मचारियों की तैनाती कर दें तो यह लोग बड़े दाम पर खाद नहीं बेच पाएंगे। विदित हो कि जिले में खाद की समस्या को देखते हुए व्यापारी 1800 से 2000 रुपए तक में डीएपी बेच रहे है। ऐसे में प्राइवेट दुकानों पर उपलब्ध कराई गई खाद पर लोग सवाल खड़े कर रहे है।
बड़ागांव में नहीं किया खाद का वितरण वहीं बड़ागांव धसान समिति पर भी 27 टन डीएपी और 30 टन यूरिया भेजा गया है। यहां पर शनिवार को खाद का वितरण नहीं किया गया। खाद पहुंचने के बाद भी वितरण न होने पर समिति प्रबंधक ऋषभ जैन का कहना था कि शनिवार और रविवार को अवकाश है, इसलिए सोमवार को खाद का वितरण करेंगे। विदित हो कि खाद की परेशानी को देखते हुए प्रशासन दिन-रात खाद वितरण कराने की तैयारी कर रहा है तो समितियां अवकाश होने का हवाला दे रही है।
एसडीएम को घिरता देख दौड़ी पुलिस वहीं शनिवार को खाद वितरण कराने पहुंचे जतारा एसडीएम एसडीएम शैलेंद्र ङ्क्षसह के वाहन को किसानों ने घेर लिया। किसान डीएपी खाद उपलब्ध कराने की मांग कर कर रहे थे। यह देखकर तत्काल पुलिस बल उनके वाहन के पास पहुंचा तो एसडीएम ङ्क्षसह ने भी किसानों को आश्वासन दिया कि सभी को खाद उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद तहसीलदार और थाना प्रभारी की मदद से किसानों की लाइन लगाकर खाद का वितरण कराया गया।
मिली दो-दो बोरी प्रशासन ने डीएपी खाद की कमी को देखते हुए शुक्रवार को वितरित किए गए टोकन के अनुसार किसानों को दो-दो बोरी खाद उपलब्ध कराया। ऐसे में किसान परेशान होते दिखे। किसानों का कहना था कि इतनी खाद में बोवनी संभव नहीं है। इस पर कुछ किसान विवाद करते दिखाई दिए। वहीं अधिकारियों से आश्वासन दिया कि दो दिन बाद फिर से रैक लगने पर खाद का वितरण किया जाएगा।
समिति पर पहुंची डीएपी, किसानों को हुई वितरित दिगौड़ा. डीएपी खाद के लिए किसान परेशान थे और उसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर हर जगह चक्कर काट रहे थे। शनिवार को सहकारी समिति पर खाद पहुंचने पर यहां पर किसानों को वितरण किया गया। ऐसे में सुबह से ही केंद्र पर किसानों की लाइन लगी रही। समिति प्रबंधक मक्खन घोष ने बताया कि शुक्रवार को समिति पर 30 टन डीएपी खाद आया था। आज दिगौड़ा सहित क्षेत्र के किसानों के परमिट जारी कर उनको खाद का वितरण कराया जा रहा है। किसानों का कहना था कि केंद्र पर खाद मिलने से अब जिला मुख्यालय पर जाने की समस्या से मुक्ति मिल गई है।