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भरे जाएंगे 8 तालाब, 80 हजार हैक्टेयर में होगी सिंचाई, मात्र 3 तहसीलों को मिलेगा लाभ

Survey work of Ken-Betwa link project started

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टीकमगढ़। केन-बेतवा लिंक परियोजना का मैप।

टीकमगढ़। केन-बेतवा लिंक परियोजना का मैप।

केन-बेतवा लिंक परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य शुरू

टीकमगढ़. केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए जिले में सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत जिले की तीन तहसीलों के 8 तालाबों को भरा जाएगा तो यहां पर 150 किमी की नहर निकाली जाएगी। इसके लिए कैचमेंट एरिया का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस योजना से जिले की 80 हजार हैक्टेयर अतिरिक्त जमीन सिंचित होंगी।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के एसडीओ रजनीश तिवारी ने बताया कि योजना के लिए जिले में सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। उनका कहना है कि योजना के तहत निकाली जाने वाले 150 किमी लंबी नहर के कैचमेंट एरिया का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस नहर से लगभग 80 हजार हैक्टेयर में सिंचाई की जानी है। ऐसे में इस पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उनका कहना था कि योजना में अब तक पलेरा तहसील के रामनगर, पुरैनिया, जतारा के धर्मसागर, बहारूताल और मदन सागर तथा निवाड़ी जिले के निवाड़ी तहसील के घूघसी, उमरी और निवाड़ी तालाब भरने की योजना है। विदित हो कि इस क्षेत्र में केन-बेतवा लिंक परियोजना का सबसे अधिक लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।
यहां भी पहुंचे पानी तो बने बात
विदित हो कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को बुंदेलखंड की किस्मत बदलने वाला बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि योजना में जिले की मात्र तीन तहसीलों को ही शामिल किया गया है। इससे बल्देवगढ़, टीकमगढ़, लिधौरा, मोहनगढ़, दिगौड़ा के साथ ही निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर और ओरछा तहसील क्षेत्र को कोई लाभ मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। विदित हो कि टीकमगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित महेंद्र सागर तालाब जिले की सबसे ऊंचाई पर बना तालाब है। यदि इस तालाब तक केन-बेतवा लिंक परियोजना से पानी पहुंचाया जाता है तो इस तालाब के ओवरफ्लो से एक दर्जन तालाबों में पानी पहुंचाया जा सकता है। वहीं पृथ्वीरपुर तहसील का वीर सागर तालाब जिले के सबसे बड़े तालाबों में शामिल है। इसका कैचमेंट एरिया भी बहुत बड़ा है। वहीं बल्देवगढ़ का ग्वालसागर तालाब भी अपने क्षेत्र के आधा दर्जन तालाबों तक पानी पहुंचाने में सक्षम है।
करना होगा प्रयास
विदित हो कि अभी योजना प्रारंभिक चरण में है। यदि जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी इस परियोजना से जिले के इन बड़े तालाबों को जोड़ने का प्रयास करते है तो हकीकत में यह योजना जिले की कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाली शामिल होगी। इसके लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना की नहर को तीन तहसीलों से बाहर लाना होगा। यदि जनप्रतिनिधि मिलकर प्रयास करेंगे तो यह संभव होगा। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रयास होने पर योजना के तहत केन-बेतवा का पानी टीकमगढ़ तक लाया जा सकता है।