
टीकमगढ़. फिल्म दृश्यम से मिलती कहानी की तर्ज पर हुए असली कत्ल के मामले में आरोपी महिला पति के हत्या की दोषी पाई गई है। उसने पति का कत्ल करने के बाद शव को दफनाकर उसके ऊपर चबूतरा बना दिया था। इसका राज 8 साल बाद खुला और अब कोर्ट में गुनाह साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा से सुनाई है। उसका पुत्र का मामला अभी कोर्ट में है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना 12 साल पुरानी है। जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी के अनुसार आरोपी पार्वती यादव 2007 में पहले पति को छोड़कर ललितपुर जिले के बानपुर थाना अंतर्गत कैलोनी टपरियन निवासी कैलाश यादव के साथ टीकमगढ़ के कोतवाली थाना अंतर्गत लखौर गांव आ गई थी। पार्वती को तीन बच्चे पहले से ही थे, कैलाश को पति बनाने के बाद उसने बच्चों को ही लखौर गांव बुला लिया। यह पूरा परिवार यहीं के हामिद खान के खेत पर काम करता था और वहीं पर झोपड़ी बनाकर रहता था।
पार्वती के पहले पति के तीन बच्चों के आने के बाद कलह शुरू हो गई। कैलाश सौतेले बच्चों के साथ क्रूरता से पेश आता था। जिससे तंग आकर 2009 में कैलाश की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी गई। साक्ष्य छिपाने के लिए पार्वती ने नाबालिग बेटे के साथ झोपड़ी के भीतर ही गड्ढा खोदकर कैलाश के शव को दफना दिया और ऊपर चबूतरा बना दिया। उधर, खेत मालिक हामिद के घर आकर कैलाश के बारे में पूछने पर बाहर जाने का कहकर टालते रहे पर पकड़े जाने के डर से पार्वती बच्चों को लेकर लखौर से गायब हो गई।
ऐसे खुला राज
कैलाश को लेकर उसके परिवार में कोई परवाह नहीं थी इसलिए अधिक खोज खबर नहीं हुई। दरअसल पार्वती से संबंध जोडऩे के बाद परिवार अलग हो गया था। वहीं, वह बच्चों को लेकर दिल्ली चली गई, जहां आठ साल तक मजदूरी करती रही। 2017 में जब वह गांव लौटी तो कैलाश साथ नहीं था। इस पर उसके भाई राजेश यादव को शक हुआ। तो उसने पड़ताल शुरू की। पार्वती की बेटी से बहला फुसलाकर कुछ पता लगा लिया। इसके बाद 2017 में टीकमगढ़ पुलिस को तहरीर देकर भाई की हत्या किए जाने का आरोप लगाया। इस शिकायत की जांच शुरू हुई तो खुदाई में नरकंकाल निकला। इससे राजफाश हो गया।
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यूपी से हुई थी गिरफ्तारी
आठ साल हत्या का खुलासा होने के बाद पुलिस ने पार्वती और उसके नाबालिग बेटे को उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर टीकमगढ़ लाई। उनपर हत्या, साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश राजकुमार वर्मा की कोर्ट ने हत्या और साक्ष्य नष्ट करने का दोषी पाया। पार्वती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रकरण चलने के दौरान पुत्र के नाबालिग होने के कारण उसे पृथक रखा गया है।
Published on:
30 Jul 2021 09:31 am
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