
Bridges will be built to go to the fields and villages
टीकमगढ़. हरपुरा नहर का निर्माण वर्ष २०१२ में शुरु किया गया था। जिसमें ठेकेदारों द्वारा गांव और खेतों पर जाने वाले रास्तों पर पुल और पुलियों का निर्माण करना छोड़ दिया था। इसके साथ ही नहर के कई स्थान ऐसे है उन पर सीसी नहीं किया गया था। जहां से पानी का रिसाव होने लगा था। खेत भरने के कारण किसानों ने खेती करना बंद कर दिया था। मामले की शिकायतें लगातार विभाग और कलेक्टर से की गई। उसके बाद प्रशासन ने पुल निर्माण और रिसाव खत्म करने की स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरु की जाएगी। उसके बाद किसानों की समस्या का समाधान किया जाएगा।
वर्ष २०१४ से हरपुरा नहर के माध्यम से१२ तालाबों को भरा जाने लगा। जिसमें हजारों हैक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाने लगी। उसके साथ ही सैकड़ों हैक्टेयर भूमि नहर के रिसाव से खेती विहीन हो गई। जिसके कारण किसानों ने उस जमीन पर खेती करना बंद कर दिया। रिसाव का पानी भरा रहने से कई प्रकार की हानि कारक घस ने जन्म ले लिया है। जिससे खेती करने में किसानों को नुकसान होने लगा है। पानी रिसाव को खत्म करने के लिए किसानों द्वारा जनसुनवाई, सीएम हेल्प लाइन और मंत्री के साथ विधायकों और संबंधित विभाग को लिखित शिकायतें दर्ज की गई। उसके बाद कच्ची नहरों के तीनों ओर सीसी डालने की स्वीकृति मिल गई है। जिससे रिसाव खत्म हो जाएगा और किसानों को दोवारा खेती करने का मौका मिलेगा। निर्माण के टेंडर प्रक्रिया विभाग द्वारा जल्द ही शुरु की जाएगी।
खेतों और गांव में जाने के लिए बनाए जाएगें पुल
जलसंसाधन विभाग के ईई आरएन यादव का कहना था कि नहर निर्माण के समय निर्माण एजेंसी द्वारा गांव और खेतों पर जाने के लिए पुल और पुलियां निर्माण करना छोड़ दिया था। उन स्थानों को चिन्हित किया गया है। उन्हें जोडऩे के लिए पुल और पुलियां निर्माण की जाएगी। जिससे किसानों को कमदूरी से खेतों और गांव में जा सके। हनुमसान सागर निवासी किसान जमना कुशवाहा, सरमन कुशवाहा, भागी कुशवाहा, ने बताया कि जब से नहर निर्माण हुई है। तब से तीन किमी का चक्कर लगाकर खेत और घर पर जा रहे है। बोरी निवासी छोटेलाल यादव, श्यामसुंदर यादव ने बताया कि पांच किमी का चक्कर लगाकर खेत पर जा रहे है। मामले की शिकायत विभाग से की थी।
टूटी नहरों की सीमेंट से की जाएगी मरम्मत
मझहर खान, सुरेश लोधी, राजू लोधी ने बताया कि बौरी और हनुमानसागर के बीच नहर टूटी पड़ी है। नहर का पानी और उसके रिसाव का पानी खेतों में भर रहा है। तालाब भरने के लिए आने वाली नहर के रिसाव और टूटी नहर के पानी से खेत लबालव भरे रहते है। जिसके कारण खरीफ और रबी की खेती करना संभव नहीं रहा है। टूटी नहरों की मरम्मत और सीसी करने की स्वीकृति विभाग को मिल गई है। बारिश के पहले हरपुरा नहर में सुधार किया जाएगा।
इनका कहना
हरपुरा नहर की मरम्मत और खेत, गांव में जाने के लिए पुल पुलियों का निर्माण किया जाएगा। जहां कच्ची नहर पड़ी है, वहां पर सीसी किया जाएगा। जिससे रिसाव का किस्सा खत्म हो सके। उसके लिए शासन स्तर से स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
आरएन यादव ईई जलसंसाधन विभाग टीकमगढ़।
Published on:
27 May 2022 09:32 pm
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