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प्रधानमंत्री आवास की सूची में नहीं आया नाम, आवास के लिए भटक रहे हितग्राही

.नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास सर्वे का कार्य किया गया था। जहां तीन चरण में सूची बनाई गईथी।

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Broken thatch and foil forced to live in the slum

Broken thatch and foil forced to live in the slum

टीकमगढ़.नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास सर्वे का कार्य किया गया था। जहां तीन चरण में सूची बनाई गईथी। जिसमें दो सूचियों के १ हजार ७८४ हितग्राहियों के लिए आवास स्वीकृत किए गए। इसके साथ ही तीसरी सूची अधर में लटकी हुई। वहीं जिनके आवास तैयार हो गए है। उन्हें राशि के लिए नगरपालिका के चक्कर काटने पड रहे है। इसके साथ ही कई लोगों का दो बार सूची में नाम आने के बाद भी काट दिया गया है। जिसके कारण उन्हें टूटे छप्पर और पन्नी की झुग्गियों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।
नगरपालिका क्षेत्र के २७ वार्डो से पहली सूची में १ हजार ६६ लोगों के आवास स्वीकृत किए गए। वहीं दूसरी सूची में ७१९ लोगों के आवास स्वीकृत किए गए। लेकि न वह सूची विवादों में रही। इसके साथ ही तीसरी सूची १९१५ तैयारी होकर पड़ी हुई। लेकिन विभाग की कुछ समस्याओं को लेकर अधर में पड़ी हुईहै। जिन्हें आवास स्वीकृत हो गया है। उन्होंने उधारी में आवास निर्माण करा लिए गए है। लेकिन वह आवास की राशि के लिए नगरपालिका के चक्कर काट रहे है। इसके साथ ही कई हितग्राहियों के नाम दो सूचियों में आ गए है। लेकिन दोनों बार नाम काट दिए गए है। जिसके कारण वह टूटे छप्पर, पन्नी की झुग्गी और कपड़ों की बनाकर रह रहे है।
आवास की राशि के लिए भटक रहे हितग्राही
पुराना बस स्टेण्ड के पास, कम्मू खान, पठना मोहल्ला हुसेन खान, कुमैदान मोहल्ला निवासी राकेश यादव, लकडखाना निवासी कज्जू खान ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम के साथ खाते में आधी-अधूरी राशि आ गई थी। राशि के लिए नगरपालिका और बैंक के चक्कर लगाते रहे। उनका कहना था कि राशि आ जाएगी। निर्माण कार्य शुरू कर दो। उधारी में आवास निर्माण करा लिया। अब राशि के लिए कई दिनों से चक्कर काट रहे है। लेकिन राशि नहीं दी गईहै।
केस-०१
भुवनेश्री माता मंदिर निवासी कमला रैकवार, मुन्नी रैकवार कोशिल्या रैकवार ने बताया कि जब से योजना चली तभी से आवास योजना के फार्म भरते आ रहे है। तीनों बार प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आ गया। लेकिन नगरपालिका द्वारा काट दिया जाता है। फिर परिवार के अन्य लोगों का नाम दिया जाता है। सूची भी आ जाती है। इसके बाद भी नाम काट दिया जाता है। उनका कहना होता है कि आपके पास भले ही रहने के लिए भवन न हो। लेकिन इसके लिए पात्र भी नहीं हुए।
केस-०२
मोटे का मोहल्ला निवासी चंद्रप्रभा रैकवार, सुरेश रैकवार, बत्तू रैकवार ने बताया कि टूटे छप्पर में ही रह रहे है। बारिश के पहले घर में लगी लकड़ी की मियारी और ठाठ टूट गया था। घर में बारिश का पानी भरता रहा। चार पाई पर सामान रखकर कार्य करते रहे। अंदर पानी नहीं आए उसके लिए पन्नी और सामने का कुछ दिखाई न दे, तो कपड़ों की दीवार बना ली। ऊपर के पानी को रोक लिया था। लेकिन पीछे से नगरपालिका का नाला निकला हुआ है। जिसका गंदा पानी अंदर भर रहा है।


केस-०३
वार्ड १७ निवासी जगदीश रैकवार, मुकेश रैकवार, आकाश रैकवार, कुष्ण रैकवार ने बताया कि मजदूरी करके ही परिवार का भरण पोषण करते है। मजदूरी का पूरा पैसा भरण पोषण में ही लग जाता है। जिसके कारण निवास के लिए राशि नहीं जुड पाती है। नगरपालिका द्वारा आवास के लिए सर्वे चलाया गया। सर्वे में नाम जोड़े गए। सूची में आवास निर्माण के लिए नाम आ गया। लेकिन जनप्रनिधियों के पास नहीं पहुंच पाए। इस कारण से एक बार नहीं तीन-तीन बार नामों को काटा गया। जबकि कलेक्टर को को भी जांच के लिए शिकायत की थी। मोटे के मोहल्ला भुवनेश्वरी माता मंदिर की गली में निरीक्षण की बात कही थी। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
केस-०४
पुरानी टेहरी वार्ड २ में ननू रैकवार ने बताया कि किराए के मकान में आधे से ज्यादा जिंदगी बिता दी है। इसके बाद भी पात्रता की सूची में नाम नहीं दिया। उन्होंने पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष, सीएमओ, शिविर के साथ अन्य अधिकारियों को शिकायत कर चुके। लेकिन मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गईहै। वहीं कमला शर्मा का भी पात्रता सूची में नाम नहीं आ पाया है। जो टूटे फूटे घर में निवास करती है।
इनका कहना
यह मामला संज्ञान में आाया है। जो लोग आवास से वंचित है उनका नगरपालिका द्वारा जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। नई सूची वरिष्ठअधिकारियो के अनुमोदन के लिए भेजी है।
हरिहर गंधर्व सीएमओ नगरपालिका टीकमगढ़।