गांव में सबसे पहले अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम डेवलप करने वाली ग्राम पंचायत चंद्रपुरा की सरपंच विदेह पाठक ने अब पूरे गांव को चलती-फिरती पाठशाला में बदल दिया है। उनके द्वारा गांव की खाली दीवारों पर बच्चों की पढ़ाई के लिए एबीसीडी, के साथ ही ङ्क्षहदी वर्णमाला, गिनती के साथ ही भोजन मंत्र सहित अनेक कविताएं अंकित की गई हैं। विदेह पाठक का कहना है कि अब गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं।
ऐसे में बच्चों का पूरा समय खेलने में जाएगा। ऐसे में बच्चे जब खेलने बाहर निकलेंगे तो दीवारों पर अंकित इन चीजों को देखकर बार-बार दोहराएंगे। ऐसे में खेल के साथ ही पढ़ाई भी होती रहेगी।
वहीं गांव में देवेंद्र लोधी का कहना है कि यह अच्छा प्रयोग है। दीवारों पर लिखी इन चीजों को बच्चे तो ठीक बड़े भी रुक कर पढ़ते दिखाई देते है। उनका कहना है कि दीवारों पर लिखे गए सामान्य ज्ञान की चीजों को हर कोई पढ़ता दिखाई दे रहा है। यह एक अच्छी पहल है।
एक दर्जन गार्डन, नहीं समुचित पार्किंग इधर तैयार हो रहा न्यूट्रिशन गार्डन वहीं ग्राम खैरा की महिला सरपंच शगुन यादव ने गांव की महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और उन्हें रोजगार से जोडऩे के लिए कम्यूनिटी न्यूट्रिशन गार्डन (सीएमजी) विकसित कर रही है। यहां पर पांच एकड़ में यह गार्डन तैयार किया जा रहा है। इसमें 6-6 फीट की दूरी पर फलदार पौधे लगाने के साथ ही बीच में सब्जी पैदा करने की योजना है। सरपंच शगुन यादव ने बताया कि पांच सात क पेड़ों को बढ़ा करने की जिम्मेदारी पंचायत की होगी, इसके बाद यह गार्डन महिला समूहों को दिया जाएगा। यहां पर पूरी तरह से जैविक खेती की जाएगी। इससे होने वाली आय से महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तो जैविक उत्पादों से उनकी सेहत भी अच्छी होगी।