
फ सलें कर दी चौपट, जमीन का अब तक नहीं मिला मुआवज़ा
टीकमगढ़ उत्तर प्रदेश सरकार के विद्युत मंडल वितरण कंपनी द्वारा ललितपुर जिले के तालबेहट से झांसी जिले के गरौठा तक 130 किमीलंबी 4000 केवी हाईटेंशन लाइन डालने का काम अंतिम दौर में पहुंच गया है। लेकिन इस काम की सबसे बड़ी मार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के किसानों पर पड़ रही है।
जतारा, पलेरा, लिधौरा, मोहनगढ़ और दिगौड़ा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की जमीन पर 385 से अधिक बिजली के टावर लगा दिए गए है। दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन किसानों को अब तक जमीन का एक रुपए का मुआवजा नहीं मिला। इसके लिए किसानों ने संबंधित ठेकेदार और अधिकारियों को लिखित पत्र दिया है, लेकिन मामले में कार्रवाई नहीं की गई है।
किसानों का कहना है कि खरीफ और रबी दोनों मौसमों में ठेकेदारों ने खेतों में घुसकर फ सलें रौंदी दी। टावर खड़े करके तार खींचे। जिसमें लाखों का नुकसान हुआ है।जहां फ सलों का मुआवज़ा भी नहीं मिला। किसानों का कहना था कि एक टावर के लिए १२०० फीट जमीन स्थायी रूप से अधिग्रहित कर ली गई। कुछ किसानों को सिर्फ 20 रबी सीजन और 60 जतार रुपए खरीफ फ सल का मुआवज़ा दिया गया है, जो पर्याप्त नहीं है।
पठारी के किसान गजराज घोष बताते है कि जमीन का मुआवज़ा नहीं मिला है, सिर्फ फ सल का थोड़ा बहुत पैसा मिला। टावर खड़े हो गए, लेकिन हमारी पुश्तैनी जमीन चली गई। ६० फीसदी से ज्यादा काम टीकमगढ़ जिले की जमीन पर हुआ ह ै। जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनका कहना था कि लगभग 130 किमी में से 60 फीसदी लाइन टीकमगढ़ जिले की जमीन से होकर गुजर रही ह। जिससे सबसे अधिक प्रभावित गांव है।
किसानों ने बताया कि बम्होरीकलां, जिटकोरा, जरया, कलरा, कंजना, सगरवारा गांव के किसान नत्थू खान, सौरभ रजक, राहुल घोष और अन्य ने बताया कि दो साल से विभाग के चक्कर लगा रहे है, लेकिन मुआवज़ा नहीं मिला है। जिम्मेदारों के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है।
130 किमी की लाइन डालने का काम तेजी से चल रहा है। काम पूरे होने के बाद किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा दिया जाएगा। अभी किसानों को उनकी फ सलों का मुआवजा शासन के कृषि विभाग के रेट के अनुसार दिया जा रहा है।
Published on:
10 Dec 2025 11:16 am
बड़ी खबरें
View Allटीकमगढ़
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
