16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

परिवहन अधिकारी नहीं होने से बस संचालकों की मनमानी, 80 फीसदी बसों में नहीं दिखे पैनिक बटन

यात्री बसों में नहीं मिले परमिट।

2 min read
Google source verification
यात्री बसों में नहीं मिले परमिट।

यात्री बसों में नहीं मिले परमिट।

बसों में चस्पा नहीं परमिट, हेल्पलाइन नंबर और किराया सूची गायब, बर्दी तक नहीं पहनते चालक और परिचालक

टीकमगढ़. जिले से महानगरों और ग्रामीण अंचलों में चलने वाली सैकड़ों बसों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालत ये है कि कई बसों में परमिट, यात्री सूची, इमरजेंसी खिडक़ी और ८० फीसदी बसों में पैनिक बटन तक गायब है। स्थाई परिवहन अधिकारी नहीं होने के कारण बस संचालकों की मनमानी देखने को मिली है। मंगलवार को पत्रिका की टीम ने नया बस स्टैंड की लाइव रिपोर्ट पेश की है।
मंगलवार को पत्रिका की टीम दोपहर १:०८ बजे नया बस स्टैंड पर पहुंची थी। पहली बस मऊरानीपुर, सागर और छतरपुर रोड के लिए निकलने ही वाली थी। उसमें यात्रियों को मिली वाली सुविधाएं दिखाई नहीं दे रही थी। दोपहर १:१३ बजे बस स्टैंड मैदान में पहुंचे। जहां पर प्रयागराज, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, कटनी, जबलपुर, झांसी, ग्वालियर, सागर, छतरपुर के साथ अन्य जिलों में जाने वाली बसें खड़ी थी। कुछ बसों का दरवाजा बंद था और कुछ बसे खाली पड़ी थी। लेकिन किसी भी बस में यात्रियों को सुविधा देने वाले नियम चस्पा नहीं थे।

बर्दी में नहीं मिले चालक परिचालक
दोपहर १:२० बजे दूसरे शहर और ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाली यात्री बसों में बैठाने के लिए आवाज लगाई जा रही थी। ऐसी लगभग १० से अधिक यात्री बसों को देखा, जिसमें चालक और परिचालक बगैर ड्रेस के दिखाई दिए। ड्रेस नहीं पहनने से चालक परिचालकों की पहचान भी नहीं हो पा रही थी।

चस्पा नहीं मिले परमिट और किराया सूची
दोपहर१:२४ बजे जतारा, मऊरानीपुर,छतरपुर जाने वाली बसों के बाहर और अंदर देखा तो उसमें बसों के परमिट, किराया सूची, हेल्पलाइन नंबर दिखाई नहीं दिए। जिम्मदारों की लापरवाही के कारण बस चालक नियमों का पालन भी नहीं कर रहे है। लापरवाही बड़ा हादसे का कारण बन सकती है। सागर जाने वाले यात्री महेश कुशवाहा और झांसी जाने वाले यात्री घंसू रैकवार ने बताया कि बाइक खराब हो गई है। इस कारण से बस में जा रहे है। किराया सूची भी नहीं है। इस कारण से किराया की जानकारी नहीं मिल रही है।

८० फ ीसदी बसों में नहीं है पैनिक बटन , सर्वर से जुडा रहता है सिस्टम, वर्ष २०१९ में हुए थे आदेश
जिले की ८० फीसदी बसों में पैनिक बटन नहीं है। अधिकांश बस चालक और परिचालकों को पता तक नहीं है कि पैनिक बटन सिस्टम क्या है। एक बुजुर्ग वाहन चालक ने बताया कि पैनिक बटन यात्रियों की सुरक्षा करने वाला सिस्टम है और सर्वर से जुडा रहता है। जिसकी घटना दुर्घटना संबंधित विभाग के पास पहुंचती है। इसके लिए पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम लगाने के आदेश २०१९ में शासन ने जारी किए थे और बगैर पैनिक बटन के परमिट जारी नहीं होता है।