मंगलवार को पूर्व सीएमओ गीता मांझी टीकमगढ़ पहुंची और उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के लिए अपना पत्र प्रस्तुत किया। सीएमओ मांझी का कहना था कि शासन स्तर से उन्हें 95 दिन पूर्व निलंबित किया गया था। नियमानुसार निलंबन के 90 दिन के भीतर उन्हें आरोप पत्र मिल जाना चाहिए था, लेकिन 95 दिन बाद भी उन्हें आरोप पत्र नहीं मिला है। 90 दिन में आरोप पत्र न मिलने पर निलंबन आदेश स्वत: ही निरस्त हो जाता है। ऐसे में वह अपने काम पर वापस आ गई हैं। उनका कहना है कि वह आज बुधवार को अपना कार्यभार ग्रहण करने जा सकती हैं।
सभी पार्षदों ने किया था प्रदर्शन विदित हो कि तीन माह पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सहित सभी पार्षद सीएमओ गीता मांझी के खिलाफ परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाकर निंदा प्रस्ताव लाए थे। इसके बाद कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया था। इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने सीएमओ मांझी को निलंबित कर दिया था।
काम प्रभावित, लोग परेशान विदित हो कि नगर पालिका गठन के बाद से ही नगर पालिका की व्यवस्थाएं बेपटरी बनी हुई हैं। विकास कार्य तो दूर, नगर पालिका शहर में सफाई, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी पूरा करती नहीं दिखाई दे रही हैं। दीपावली जैसे समय पर भी नगर के कई हिस्सों में सफाई न होने, नाली का पानी सड़कों पर बहने, पेयजल की आपूर्ति न होने जैसी समस्याएं सामने आई थी। वहीं अमृत 2, संजीवनी क्लीनिक, झिरकी बगिया डिवाइडर सड़क सहित अन्य काम प्रभावित होते दिखाई दे रहे है। वहीं अब सीएमओ को लेकर संशय पैदा हो गया है, हालांकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सीएमओ मांझी के मामले में 90 दिन का नियम लागू न होने की बात कह रहे है।
पार्षदों की मांग पर बदली गई थी सीएमओ बताया जा रहा है वर्तमान सीएमओ ज्योति सुनहरे को भाजपा पार्षदों की मांग पर बड़ागांव के साथ ही टीकमगढ़ नगर पालिका का प्रभार दिया गया था। विदित हो कि गीता मांझी के निलंबन के बाद पीओ डूंडा शिवी उपाध्याय को नगर पालिका सीएमओ का प्रभार दिया गया था, लेकिन नपा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और उसके बाद कांग्रेस का दामन छोड़ कमलदल के साथ आने पर पार्षदों की मांग के अनुरूप शासन स्तर से सभी के चेहरे चमकने के लिए सीएमओ के रूप में ज्योति को टीकमगढ़ भेजा जाता है, लेकिन एक माह बाद ही सत्तादल के पार्षदों के सुनहरे सपने बिखरते दिखाई दे रहे है। मंगलवार को पूर्व सीएमओ मांझी ज्वाइनिंग के लिए टीकमगढ़ पहुंच गई।
क्या कहते हंै अधिकारी सीएमओ मांझी को पहले ही कारण बताओ पत्र जारी किया जा चुका है। उन पर लगे आरोप गंभीर हैं। गंभीर आरोपों के मामले में यह नियम मान्य नहीं होता है।
– राजेश श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन विभाग सागर।