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पर्याप्त संसाधन होने के बाद भी बोर्ड परीक्षाओं में फि सड्डी रहा जिला

शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षण साधन होने के बाद भी रिजल्ट में जिला फिसड्डी रहा है। इस लापरवाही पर जिला प्रशासन ने डीइओ, बीआरसी, बीइओ को कारण बताओं नोटिस देने की तैयारी में है। जिसमें हाइस्कूल के ११९ और हायर सेकेंडरी के ३५ प्राचार्यो को नोटिस देने की सूची में शामिल किया गया है।

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 Department of Corona is crying even after enough teachers in schools

Department of Corona is crying even after enough teachers in schools


टीकमगढ़. शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षण साधन होने के बाद भी रिजल्ट में जिला फिसड्डी रहा है। इस लापरवाही पर जिला प्रशासन ने डीइओ, बीआरसी, बीइओ को कारण बताओं नोटिस देने की तैयारी में है। जिसमें हाइस्कूल के ११९ और हायर सेकेंडरी के ३५ प्राचार्यो को नोटिस देने की सूची में शामिल किया गया है। नोटिस मिलने के पहले सभी शिक्षा विभाग और प्राचार्य रिजल्ट पर कोरोना काल का असर बता रहा है।
जिले में इस वर्ष प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में ३६३८७ और हाइस्कूल और हायर सेकेंडरी में ४००८१ छात्र-छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा दी थी। इन परीक्षाओं में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ६० फीसदी रिजल्ट लाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन रिजल्ट बोर्ड प्रस्ताव के विपरीत आया है। जिसमें मॉडल विद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय और सीएम राइज के छात्र भी फेल हुए है। रिजल्ट प्रस्ताव के करीब नहीं आने से शिक्षा विभाग हास्य का कारण बना है। इस लापरवाही पर जिला प्रशासन ने डीइओ के साथ १५४ प्राचार्यों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है।
रिजल्ट में फिसड्डी रहा जिला
जिले में कक्षा ५ वीं का ५०.२५ प्रतिशत, ८ वीं का ४७.८ प्रतिशत, हाइस्कूल का ४६.४ प्रतिशत और हायर सेकेंडरी का ४३ प्रतिशत रिजल्ट आया है। रिजल्ट से शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आई है। लापरवाही में उत्कृष्ट विद्यालय, मॉडल विद्यालय, सीएम राइज के साथ अन्य विद्यालय भी शामिल है। परीक्षा की तैयारी के प्रयास असफल हो गए है। इस लापरवाही की सजा के लिए नोटिस कार्रवाई की जा रही है।
जमीनी स्तर पर शिक्षण व्यवस्था का नहीं हुआ कार्य
जिले में ९१ हाइस्कूल, ५९ हायर सेकेंडरी, ३२ संकुल केंद्र, ४४ जन शिक्षा केंद्र, ७६ सीएसी और १७ बीएसी को शिक्षण व्यवस्था सुधार की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन जिम्मेदारी निभाने का कार्य जमीनी स्तर पर नहीं किया गया। जिसके कारण बार्षिक परीक्षा का रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा तय किए गए रिजल्ट प्रतिशत को नहीं छू पाया है।


रिजल्ट खराब आने का कारण बता रहे कोराना काल
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना था कि वर्ष २०२१ में कोरोना काल आया था। उस समय कक्षा ९ वीं के छात्रों ने १० वीं कक्षा में प्रवेश लिया था और ११ वीं के छात्रों ने १२ वीं में प्रवेश लिया था। जिन्हें प्रमोशन देकर पास किया गया था। यही स्थिति अन्य कक्षाओं की थी। इन छात्रों से वर्ष २०२३ का रिजल्ट खराब हो गया है।
फैक्ट फाइल
५९ हायर सेकेंडरी विद्यालय
१३५२२-छात्र-छात्राएं
४३ प्रतिशत रिजल्ट
९१ हाइस्कूल
२६५५९ छात्र-छात्राएं
४६.३ प्रतिशत रिजल्ट
१८०३८ कक्षा ५ वीं के छात्र-छात्राएं
५०.२५ प्रतिशत रिजल्ट
१८३४९ कक्षा ८ वीं के छात्र-छात्राएं
४७.८ प्रतिशत रिजल्ट
३२ संकुल केंद्र
४४ जनशिक्षक केंद्र
४ बीआरसीसी
४ बीइओ
इनका कहना
जिले के ऐसे विद्यालय जिनका हाइस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालय का परीक्षा परिणाम ५० प्रतिशत से कम आया है। ऐसे संकुल प्राचार्य और प्राचार्यों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है। इस लापरवाही पर वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई भी की जा रही है।
शक्ति कुमार खरे, जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़।