scriptशहर के साथ जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा, वाहनों का 20 फीसदी बढा बाजार | Electric vehicles dominate the city as well as the district, the market for vehicles increased by 20 percent | Patrika News
टीकमगढ़

शहर के साथ जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा, वाहनों का 20 फीसदी बढा बाजार

इलेक्ट्रिक स्कू टर

टीकमगढ़Nov 06, 2024 / 10:55 am

akhilesh lodhi

इलेक्ट्रिक स्कू टर

इलेक्ट्रिक स्कू टर

चार्जिंंग स्टेशन, पाट्र्स, मैकेनिक और सविर्सिंग की वाहन मालिकों को चिंता

टीकमगढ़. जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। इसकी खास लोकप्रियता छात्र-छात्राओं और महिलाओं में बढ़ी है। दीपावली से २० फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की जिले में हो चुकी है। पहले ई-रिक्सा, स्कूटर, बाइक और अब कारें भी दिखाई देने लगी है। लेकिन इनके लिए चार्जिंग स्टेशन, पाट्र्स, मैकेनिक और सर्विसिंग सेंटर अभी नहीं है। इससे लोगों की चिंता बढ़ गई है, लेकिन लोगों का जेब खर्च कम और सब्सिडी मिलने से झूकाव अधिक हो रहा है।
पेट्रोल की बढ़ती कीमती और जेब पर हल्के पडऩे वाले इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। बाजार में अब करीब २० फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की हो चुकी है। कम खर्च अच्छी स्पीड और अच्छा लुक विद्यालय, कॉलेज जाने वाले युवाओं में क्रेज बडा है। वहीं दूसरी ओर सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर विशेष सब्सिडी दे रही है। बाजार में २९९९९ रुपए से लेकर 1.50 लाख रुपए तक के इलेक्ट्रिक स्कूटर के विभित्र मॉडल्स शोरूमों पर दिखाई है।
चार्जिंग स्टेशन वाहन मालिकों के लिए चुनौती
जिले में ५० से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के शोरूम खुल गए है। ५ हजार से अधिक ई- रिक्सा और ३० हजार से अधिक स्कूटर, बाइकें शोरूमों से बाहर आ गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ती दिलचस्पी के बावजूद चार्जिंग स्टेशन, पाट्र्स और प्रशिक्षित मैकेनिक की कमी अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिले में अब तक एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। लबी दूरी तय करने चाले वाहन चालकों को समस्या का सामना करना
पड़ सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के पाट्र्स की उपलब्धता भी शोरूम तक ही सीमित है। पाट्र्स के खराब होने पर वाहन मालिकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, क्योंकि प्रशिक्षित मैकेनिक उपलब्ध नहीं है।
फ ाइनेंस सुविधा, खरीदी में आसानी
कई कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए फ ाइनेंस सुविधा भी उपलब्ध कर रही है। इससे इनकी खरीदी भी आसान हो गई है। कुछ कंपनियां बिना ब्याज और कम ब्याज दरों पर भी फ ाइनेंस दे रही है। जिससे ग्राहक कम पेमेंट पर भी वाहन ले सकते है। उसमें सुरक्षा के लिए स्ट्रील सामग्री भी लगा रही है।
छात्र-छात्राओं और महिलाओं के लिए खास
यह इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बिना शोर के है। इसमें गियर सिस्टम नहीं होने से उसे चलाना आसान हो गया है। वहीं अच्छी डिजाइन हल्का और आकर्षक है। जिसे संभालना आसान है। लेकिन लंबी दूरी के लिए सही नहीं है। रास्ते में बंद होने का डर सताता रहता है।
इनका कहना
पेट्रोल बचत के लिए इलेक्ट्रिक का स्कूटर तो ले लिया है, लेकिन यहां पर सविर्सिंग सेंटर नहीं है। इसके पार्टस भी बढ़ी मुश्कल से मिलते है। शोरूम मालिक जबलपुर से ऑडर करता है, तब जाकर लंबे समय बाद पार्टस उपलब्ध हो पाते है। जब तक चलती है, तब तक ठीक है।
अध्यक्ष दुबे, ग्राहक इलेक्ट्रिक स्कूटर।
एक बार के चार्ज में चार यूनिट बिजली की खपत होती है। ४० पैसे प्रति किमी के हिसाब से खर्चा आता है। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन होना जरूरी है। लंबी दूरी पर ले जाना, ठीक नहीं है। बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या अधिक बढ़ रही है।
मदन कुमार झां, ग्राहक।
यह वाहन शहर के लिए अच्छा है, शहर से बाहर ले जाना ठीक नहीं है। सर्विस सेंटर के साथ प्रशिक्षित मैकेनिक और पाटर््स होना जरूरी है।
मातादीन राजपूत, ग्राहक।

फैक्ट फाइल
५० से अधिक जिले में इलेक्ट्रिक शोरूम
५ हजार से अधिक ई-रिक्शा
३० हजार से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक
१५०० रुपए एक महीने में पेट्रोल खर्चें की बचत
२० फीसदी बड़ा जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों का कब्जा
२९९९९ से १.५० लाख रुपए तक स्कूटर की कीमत
५० से लेकर १०० किमी की रफ्तार

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