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अनाज की नीलामी से बिचौलियों को किया गया दूर, व्यापारियों ने मनमर्जी से लगाई बोली

कृषि उपज मंडी में अनाज क ी नीलामी से बिचौलियों को दूर रखा गया। वीडियो ग्राफी कर व्यापारियों द्वारा किसान के अनाज की नीलामी की गई।

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Farmers protested, businessmen put restrictions on Mandi employees

Farmers protested, businessmen put restrictions on Mandi employees

टीकमगढ़.कृषि उपज मंडी में अनाज क ी नीलामी से बिचौलियों को दूर रखा गया। वीडियो ग्राफी कर व्यापारियों द्वारा किसान के अनाज की नीलामी की गई। लेकिन भुगतान में देरी की गई। वहीं किसानों ने व्यापारियों पर मनमानी के आरोप लगाए है। इसके साथ ही भाव ठीक नहीं मिलने के कारण दर्जनों किसान अपना अनाज लेकर वापस घर चले गए। मंडी कार्यालय किसान शिकायत करने पहुंचे। लेकिन कार्यालय में मंडी सचिव नहीं होने के कारण किसानों को वापस होना पड़ा।
मंडी में बिचौलियों का कब्जा की खबर पत्रिका ने 29 नवम्बर सोमवार को खबर प्रकाशित की थी। जिसको लेकर मंडी सचिव ने एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने व्यापारियों से नीलामी में बिचौलियों को नहीं आने और लाने की बात की थी। जिसको लेकर मंडी कृषि उपज मंडी मैदान में बुधवार को उड़द की नीलामी की गई। नीलामी के दौरान बिचौलियों को दूर रखा गया। बिचौलिएं नीलामी में नहीं आए। उसके लिए वीडियों ग्राफी की गई। वीडियो ग्राफी में दिखाई देने वाले बिचौलियों पर कृषि उपज मंडी प्रबंधक द्वारा कार्रवाई की जाएगी। लेकिन नीलामी के दौरान अनाज खरीदी में व्यापारियों द्वारा मनमानी की गई। जिसमें किसानों ने व्यापारियों पर आरोप लगाए ह ै।
नीलामी में बिचौलियों को हटाकर बांकी नहीं सुधरा सिस्टम
बाबाखेरा निवासी जगन्नाथ यादव ने बताया कि मंड़ी हालात बिलकुल नहीं सुधरे है। किसान को कल कम घाटा लगता था। बुधबार को देखा तो किसानों को पहले से ज्यादा घाटा लगा। व्यापारी किसानों को ही वेबकूप बना रहा है। मंडी में ही 40 रुपए बिकने वाली उड़द को व्यापारी 20 रुपए से शुरू कर रहा है। दूसरा व्यापारी 23 रुपए से नीलामी की बोली लगाता और तीसरा व्यापारी 26 रुपए बोली लगाता है। लेकिन मामले में कृषि उपज मंडी के कर्मचारी द्वारा सिर्फ अनुबंध पर्ची काटकर भुगतान की बात की।
भाव ही नहीं तो मंडी में कैसे बेचे उड़द
शिवराजपुरा निवासी राममूर्ति दुबे ने बताया कि अब भी कृषि उपज मंडी का सिस्टम समझ में नहीं आया। किसान ऑनलाईन प्रवेश पर्ची देने के बाद किसान अब भी अनाज की नीलामी से दूर रहे। पेड़ की छांव में किसान बैठा रहा। उसके अनाज की नीलामी व्यापारी और मंडी कर्मचारी लगाते रहे। किसान को जितना बता दिया, उतने में ही संतुष्ट हो गया। लेकिन इस घाटे का असर किसान की मेहनत पर पड़ा। मिला जुला कर किसान को हजारों का नुकसान हुआ।


भाव न मिलने से वापस किसान ने गए अनाज
अचर्रा निवासी संजु साहू, प्रकाश साहू, नीलेश यादव, पूरनलाल गुप्ता, सूरीखुर्द निवासी आशाराम लोधी, राघवेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि 40 रुपए में बिकने वाली उड़द को व्यापारी उस अनाज को 20 रुपए से 28 रुपए तक खरीद रहे है। इसके बाद भी कृषि उपज मंडी के कर्मचारियों द्वारा किसानों के हित में कोई जबाब नहीं दिया गया। मामले को लेकर किसान मंड़ी सचिव से शिकायत करने पहुंचे। लेकिन कार्यालय में मंडी सचिव की अनुपस्थिति मिली।
नीलामी में आज से शुरू हुआ वीडियो कैमरा
कृषि उपज मंड़ी में अनाज की नीलामी को लेकर कई प्रक ार की शिकायतें मिल रही थी। अनुबंध पर्ची काटने में देरी के साथ मंडी प्रबंधन द्वारा परहेज किया जा रहा था। जिसको लेकर मंड़ी प्रबंधन द्वारा बुधवार से कृषि उपज मंडी में अनाज की नीलामी में वीडियों ग्राफी की गई। अनाज के ढेर पर ही मंडी कर्मचारियों द्वारा अनबुंध पर्ची काटी गई।
इनका कहना
कृषि उपज मंड़ी में अनाज की नीलामी के दौरान बिचौलियों को दूर रखा गया। अनाज के ढेर के पास बिचौली न आए उसके लिए वीडियो ग्राफी की गई। अनाज के ढेर के पास व्यापारी, किसान और मंडी कर्मचारी ही मौजूद रहे। अगर व्यापारियों द्वारा भाव में आगें पीछे किया गया है तो जांच की कार्रवाई की जाएगी।
ओपी लक्ष्यकार सचिव कृषि उपज मंडी टीकमगढ़।