8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस, अतिक्रमण न हटाने एवं तालाब के नाप में अंतर को लेकर जवाब तलब

Case of encroachment on the land of Mahendra Sagar pond

2 min read
Google source verification
टीकमगढ़। तालाब के बीच में बनाया जा रहा पार्क।

टीकमगढ़। तालाब के बीच में बनाया जा रहा पार्क।

महेंद्र सागर तालाब की जमीन पर अतिक्रमण का मामला

टीकमगढ़. महेंद्र सागर तालाब की जमीन पर किए गए अतिक्रमण और तालाब की जमीन के विक्रय के मामले में हाईकोर्ट ने फिर से प्रशासन का तलब किया है। हाईकोर्ट ने पूर्व कलेक्टर के साथ ही एसडीएम को इस मामले में नोटिस जारी जवाब मांगा है। विदित हो कि हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशास ने पूरे तालाब की जांच कराई थी और यहां पर 31 लोगों का अतिक्रमण पाया गया था।
महेंद्र सागर तालाब को बचाने के लिए हवेली रोड़ निवासी नितिन पुरोहित ने याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट के निर्देशन पर 15 दिसंबर को प्रशासन ने 9 सदस्यीय टीम का गठन कर तालाब का नाप कराकर अतिक्रमणकारियों को चिहिंत किया था। इसके बाद प्रशासन द्वारा सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इसके बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। ऐसे में याचिकाकर्ता नितिन पुरोहित ने फिर से हाईकोर्ट में आवेदन दिया था। इस पर कोर्ट ने फिर से तत्कालीन कलेक्टर अवधेश शर्मा के साथ ही एसडीएम को नोटिस जारी किए है। नितिन पुरोहित ने बताया कि इस मामले में कोर्ट में अब 25 मार्च को सुनवाई होगी, जिसमें अधिकारियों को अपने जवाब प्रस्तुत करने होंगे।

नहीं हुई कार्रवाई
नितिन पुरोहित का कहना था कि सन 2964 के रिकार्ड के अनुसार महेंद्र सागर तालाब का कुल रकवा 104 हैक्टेयर का है, लेकिन बीच में इसके खसरा नंबर में बटांकन अंकित करते हुए यह जमीन निजी लोगों के नाम की गई थी। इसके बाद से बेच दिया गया था। ऐसे में लगातार तालाब का रकवा कम होता गया। वहीं हाईकोर्ट के निर्देशन पर की गई जांच में यहां पर 31 लोगों का अतिक्रमण पाया गया था और तालाब की 7.17 हैक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण पाया गया था। नितिन का कहना है कि प्रशासन द्वारा अतिक्रमण न हटाने एवं बेची गई जमीन के मामले में कार्रवाई न करने पर उनके द्वारा फिर से न्यायालय में आवेदन दिया गया था।

नोटिस के बाद भी काम जारी
विदित हो कि महेंद्र सागर तालाब के बीच में सबसे बड़ा अतिक्रमण नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा यहां पर 1.500 हैक्टेयर जमीन पर पार्क निर्माण किया जा रहा है। सर्वे में यह कब्जा सामने आने के बाद एसडीएम ने भी नगर पालिका को नोटिस जारी किया था, लेकिन इस नोटिस के बाद भी यहां पर काम जारी है। ऐसे में लोग प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है।

यह किए थे अतिक्रमण
15 दिसंबर को किए गए सर्वे में तालाब की जमीन पर जयंती-पुष्पा कुशवाहा, विपिन-संजीव त्रिपाठ, सरमन लाल पुरोहित, नितिन पुरोहित, विद्यादेवी रैकवार, रामस्वरूप रैकवार, रामदास कुशवाहा, रामदास-कल्ल-घंसू-मुन्ना-हल्ले कुशवाहा, कमला शर्मा, मुन्ना विश्वकर्मा, रतीराम कुशवाहा, लखनलाल पाण्डेय, विजय तिवारी, बृजेश पाठक, भागवती कुशवाहा, कन्छेदी कुशवाहा, नगर पालिका, विद्यादेवी रैकवार, चंद्रकांत रैकवार, सूर्यकांत रैकवार, बालेंद्र रैकवार, नागेंद्र रैकवार, रमेश बाबू रैकवार, मनेश लल्लू रैकवार, हरप्रसाद रैकवार कब्जा पाया गया था।