निकायाधीन किए गए नैगुवां की शास्त्री उच्चतर माध्यमिक शाला में फर्जी आदेशों के द्वारा कर्मचारियों को शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन दिया जा रहा था। शिकायत के बाद संयुक्त संचालक मनीष वर्मा ने इस मामले की जांच के बाद निर्देश दिए थे कि निकायाधीन किए गए नैगुवां स्कूल के शिक्षक एवं स्टॉफ को जिला पंचायत के अधीन माना जाए और उसी के अनुरूप वेतन दिया जाए। संयुक्त संचालक के निर्देश पर 3 फरवरी को तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी उन्मेश श्रीवास्तव ने पृथ्वीपुर बीईओ के साथ ही संकुल ढिल्ला के प्राचार्य को भी इन निर्देश से अवगत कराते हुए जिला पंचायत की मद से वेतन देने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिला कोषालय अधिकारी को भी इस संंबंध में पत्र जारी कर नैगुवां स्कूल का वेतन जिला पंचायत के मद से देने के लिए कहा गया था। इसके बाद भी 28 फरवरी को नैगुवां स्कूल के शिक्षकों को शिक्षा विभाग के मद से वेतन जारी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि 28 फरवरी को केवल नैगुवां स्कूल के शिक्षकों का ही वेतन आहरित किया गया था।
संचालक ने कार्रवाई के दिए निर्देश अब शिक्षा विभाग के संचालक डीएस कुशवाहा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त संचालक को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने शासन के नियमानुसार निकायाधीन कर्मचारियों की तरह वेतन भुगतान सुनिश्चित करने एवं नियम विरूद्ध तरीके से दिए गए वेतन की जांच कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस पत्र के बाद से विभाग में हड़कंप सा मचा हुआ है।
इनका कहना है &शिक्षा विभाग के मद से वेतन भुगतान करने को लेकर बीईओ और संकुल प्राचार्य को नोटिस जारी किए हैं। उनका क्या जवाब आया है, यह अभी नहीं देखा है। बीईओ सेवानिवृत्त हुए हैं तो उनके भुगतान आदि रोके जाएंगे। अतिरिक्त वेतन भुगतान की वापसी को लेकर शासन के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
– आरडी वर्मा, प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी, निवाड़ी।