18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्रीरामराजा मंदिर में पूरी तरह से लागू नहीं हो पा रही एकीकृत प्रणाली

मंदिर के लेन-देन की व्यवस्था पारदर्शी बनाने प्रशासन ने शुरू की थी व्यवस्था

2 min read
Google source verification
Integrated system is not fully implemented in Sriramaraja temple

Integrated system is not fully implemented in Sriramaraja temple

टीकमगढ़. विश्व प्रसिद्ध श्रीरामराजा मंदिर ओरछा में तमाम शिकायतों के बाद प्रशासन द्वारा दान, सेवाओं सहित अन्य चीजों के भुगतान एवं सेवा शुल्क के लिए एकीकृत प्रणाली लागू की गई है। लेकिन इसमें अभी अनेक सुविधाएं शुरू नहीं की गई है। ऐसे में जहां कई बार श्रद्धालुओं को परेशानी होती है तो वहीं पारदर्शिता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है।


विदित हो कि ओरछा में चार साल पूर्व तमाम अनियमितताओं के मामले सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा यहां की जांच कराई गई थी। उसमें तमाम प्रकार की आर्थिक अनियमितताएं सामने आई थी। इसके बाद यहां का काम देखने वाले लिपिक पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इन अनियमितताओं को कम करने के लिए शासन द्वारा यहां की तमाम व्यवस्थाएं ऑनलाइन करने के लिए काम शुरू किया गया था। इसके बाद एनआइसी द्वारा यहां पर मंदिर के बेवसाइट बनाकर इंटीगे्रटिड सिस्टम लागू किया गया था। इस एकीकृत प्रणाली के बाद श्रद्धालुओं को जहां तमाम सेवाओं के लिए ऑनलाइन भुगतान की सुविधा दी गई थी तो मंदिर की तमाम व्यवस्थाएं भी पटरी पर आ गई थी। लेकिन इन चार सालों में यह सिस्टम पूरी तरह से लागू नहीं हो सका है। ऐसे में यहां पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को जहां कई बार भुगतान को लेकर परेशानियां होती है तो मंदिर में होने वाले तमाम प्रकार के व्यय के भुगतान भी अब तक मेन्यूअल तरीके से किए जा रहे है। ऐसे में इस पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

भुगतान के लिए यह परेशानी
विदित हो कि पिछले कुछ समय से लोग भुगतान के लिए तमाम प्रकार के एप उपयोग करने लगे है। लेकिन मंदिर प्रबंधन द्वारा यहां पर अब तक गुगल पे, फोन पे जैसी सुविधाएं श्रद्धालुओं को नहीं दी जा रही है। जबकि सिस्टम में इन सुविधाओं की व्यवस्था है। मंदिर में पहुंचने वाले कई श्रद्धालु यहां पर राजभोग, महाप्रसाद, ब्यारी या पोषाक आदि के लिए इन पेमेंट सुविधाओं की मांग करते है तो वह उपलब्ध नहीं होती है। वहीं मंदिर की तमाम दुकानों के किराए को लेकर भी प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था नहीं की गई है। इसके साथ ही मंदिर के खर्चों के भुगतान भी अब तक कैश पेमेंट के माध्यम से किए जा रहे है। जबकि एकीकृत प्रणाली के तहत यह सारी सुविधाएं वेबसाइट में दी गई है। विदित हो कि मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का ध्यान न दिए जाने से यह काम अटके हुए है। वहीं सूत्रों की माने तो मंदिर से जुड़े कुछ लोग अब भी नहीं चाहते है कि यह सुविधाएं ऑनलाइन हो।


अन्य सुविधाएं भी अधूरी
विदित हो कि इस सिस्टम के तहत मंदिर से जुड़े देश-विदेश के श्रद्धालुओं को और भी प्रकार की सुविधाएं दी जानी थी। जैसे श्रद्धालुओं की मांग पर उनके पास प्रसाद पहुंचाना, मंदिर से जुड़े तमाम आयोजनों की जानकारी शेयर करना सहित अन्य सुविधाओं को दी दिया जाना था। लेकिन यह सुविधाएं भी शुरू नहीं हो पा रही है। इस मामले में एनआईसी के एडीओ अविनाश पाठक का कहना है कि इस संबंध में प्रयासरत है और प्रशासन के सहयोग से जल्द ही यह सुविधाएं भी प्रारंभ कराई जाएगी।