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खरगापुर तहसील को इस नाम से जानने लगे हैं लोग, जानिए क्यों हुआ एेसा

अब तक 3 तहसीलदारों पर हो चुकी है कार्रवाई, चौथे पर प्रशासन ने साधा मौन

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Khargapur tehsil forgery

Khargapur tehsil forgery

टीकमगढ़. खरगापुर तहसील जिले में फर्जीवाड़ा तहसील के रूप में प्रसिद्ध होती दिखाई दे रही है। यहां पर पदस्थ रह तीन तहसीलदारों के खिलाफ जहां फर्जीवाड़ों के मामले में कानूनी कार्रवाई हो चुकी है, वहीं चौथा मामला वर्तमान तहसीलदार का सामने आ गया है। लेकिन इस मामले में प्रशासन मौन साध गया है। वर्तमान तहसीलदार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर तहसील क्षेत्र में लगभग ढाई सौ फर्जी बीपीएल कार्ड जारी किए है।
जिले की खरगापुर तहसील इन दिनों फर्जीवाड़ा के लिए अपनी पहचान बनी चुकी है। हाल ही में ताजा मामला 248 फर्जी बीपीएल कार्ड का सामने आया है। यहां पर पदस्थ नायब तहसीलदार रामनाथ अहिरवार ने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों के 248 फर्जी बीपीएल कार्ड जारी किए है। यह कार्ड न तो दायरा पंजी में दर्ज है और न ही इनका आरसीएमएस दर्ज किया है। विदित हो कि जिले में संचालित फर्जी बीपीएल कार्डों की पहचान कर उन्हें हटाने के लिए जहां प्रशासन मेहनत कर रहा है, वहीं यहां पर अधिकारी इसका उल्टा करने में लगे हुए है। खबर प्रकाशन के बाद कलेक्टर ने यह फर्जी बीपीएल कार्ड निरस्त करने के आदेश तो दे दिए है, लेकिन संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा रही है।

और भी है मामले: खरगापुर तहसील में फर्जीवाड़े का यह पहला मामला नही है। यहां पर पदस्थ रह चुके अन्य तहसीलदारों द्वारा भी यहां पर अपनी मनमर्जी से काम कर फर्जीवाड़ा किए गए है। इसके पूर्व यहां पर पदस्थ तहसीलदार अजय शर्मा ने भी नियमों को ताक पर रखकर शासकीय जमीन को प्रायवेट व्यक्ति के नाम किया था। अजय शर्मा द्वारा शासकीय जमीन खसरा नंबर 946/8 रकवा 3 हेक्टेयर को फर्जी तरीके से रमेश गंगेले के नाम कर दिया गया था। इसकी शिकायत संतोष लाल यादव द्वारा प्रशासन से की गई थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होनें यह मामला न्यायालय में पेश किया था। इस पर टीकमगढ़ की न्यायिक दण्डाधिकारी प्रियंका बुंदेला ने तहसीलदार अजय शर्मा, कम्प्यूटर ऑपरेटर रमेश जाटव एवं रमेश गंगेले के खिलाफ धारा 166,167,467,468,420,471 एवं 34आईपीसी के तहत परिवाद दर्ज कर लिया था।
और भी है मामले: शासकीय जमीन में हेरफेर का एक मामला सामने आया था। यहां पर पदस्थ तहसीलदार लोकेन्द्र श्रीवास्तव ने 5 जून 2015 को फर्जी तरीके से शासकीय जमीन का नांतारण प्रायवेट व्यक्ति के नाम कर दिया था। इस मामले में भी न्यायालय में परिवाद पेश किया था और न्यायालय ने तहसीलदार लोकेन्द्र श्रीवास्तव, पटवारी नंदलाल अहिरवार, पूर्व पार्षद मनोज कुमार सोनी सहित अन्य लोगों पर धारा 420,188, 323, 294, एवं 467 के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
ओलावृष्टि की राशि में हेरफेर: खरगापुर तहसील में फर्जीवाड़े का क्रम यही नही रूका था। यहां पर ओलावृष्टि की राशि में भी जमकर लापरवाहियां की गई थी। वर्ष 2009 में यहां ओलावृष्टि होने पर किसानों को मुआवजा वितरण करने के लिए शासन द्वारा राशि प्रदान की गई थी। खरगापुर तहसील में इस राशि में भी जमकर गोलमाल किया गया था और शासन द्वारा जारी राशि से अधिक के चैक किसानों को वितरित कर दिए गए थे। इस मामले में गबन की शिकायत होने पर जांच के बाद तत्कालीन नायब तहसीलदार रोहित वर्मा सहित अन्य पर धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया गया था।
कहते है अधिकारी: इस पूरे मामले की जांच कर कलेक्टर को सौंप दी गई है। अब आगे की कार्रवाई प्रशासन के निर्देशन पर ही की जाएगी।- एससी, परते, तहसीलदार, खरगापुर।