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तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर करके बना रहे पट्टे, किसानों से ऐंठ रहे मोटी रकम

कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा लिधौरा का पीडि़त

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कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा लिधौरा का पीडि़त

कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा लिधौरा का पीडि़त

फर्जी पट्टे बनाने वाले एजेंट सक्रिय

टीकमगढ़. जिले के तहसील कार्यालयों में सालों से एजेंट सक्रिय है। जो विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, सरकारी जमीन के पट्टे बनवाने में आगे रहते है। राजस्व अभिलेखागार के रिकार्ड में खाली सरकारी जमीन को देखकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए जा रहे है। इस प्रकार के विभिन्न मामले तहसीलों से सामने आए है। जहां ३५ की उम्र वाले व्यक्तियों का नाम सन १९८२ की राजस्व दायरा पंजी में नाम दर्ज किए है।
राजस्व विभाग में पट्टे जारी करने का कार्य इन दिनों शासन द्वारा बंद है, लेकिन बल्देवगढ़ तहसील, टीकमगढ़, तहसील और लिधौरा तहसील में पट्टे बनाने का काम सक्रिय एजेंटों द्वारा किया जा रहा है। उम्र से अधिक पुरानी राजस्व दायरा पंजी में नाम लिखवाए जा रहे है। इन एजेंटों द्वारा राजस्व विभाग से फ र्जी पट्टे जारी कर राजस्व कोष को ही नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि बड़ी संख्या में पट्टों के लिए आवेदन करने वालों को भी ठगा जा रहा है।

केस एक
बल्देवगढ़ तहसील के हीरापुर खास निवासी किसान शैलेंद्र सिंह यादव, रामकिशन यादव, प्रागीलाल यादव, राजकुमार यादव, शोभाराम यादव, अरविंद्र यादव, मुकेश राय, बृजकुमार अहिरवार, मानक लाल लोधी, संतोष लोधी, रविंद्र यादव ने बताया कि रिखराज यादव, रामबाई यादव, अवध यादव, मथुरा यादव, राजाराम यादव, हरप्रसाद यादव, रामसेवक यादव, भैयाराम यादव, तिजुआ अहिरवार, रामकुंवर अहिरवार, रामप्रसाद अहिरवार और देवरदा के रंबा यादव को पट्टे दिए गए है। इनके नाम पट्टे और राजस्व की दायरा पंजी १९८२-८३ में दर्ज है। जबकि अवध पुत्र रिखराज यादव का जन्म सन १९८२-८३ के बाद हुआ है। उसकी उम्र आज ३५ वर्ष है। इन पट्टों पर ओवर राइटिंग लिखी गई है। फर्जी पट्टे बनाकर कंप्यूटर रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा दिया है। हीरापुर की जमीन में दूसरे गांव देवरदा गांव के किसानों के नाम पट्टे दे दिए है।

केस दो
कारी वार्ड दो निवासी रामप्रकाश पुत्र चन्नूलाल नामदेव ने बताया कि टीकमगढ़ तहसील के गोपालपुरा भाटा में खसरा ६.९०८ हेक्टेयर जमीन है और सरकारी रिकॉर्ड में बंजर है। कूट रचित दस्तावेजों के रिकार्ड में संबत २०१५ की खसरा खतौनी में नाम दर्ज कर पक्की नकले दी जा रही है। उसके एवज में लाखों रुपए की ठगी की जा रही है। जबकि शासन के नियमानुसार पट्टे बनाए जाने पर प्रतिबंध है।

केस तीन
लिधौरा के वार्ड १५ निवासी लक्ष्मन पुत्र कुंजविहारी लुहार ने बताया कि मरगुवां निवासी लिधौरा तहसील में पदस्थ चौकीदार हरनारायण वंशकार, दिगौड़ा निवासी दसई कुशवाहा द्वारा सुनरई गांव की सरकारी जमीन खसरा नंबर १५३, १५४/२ पर कब्जा किए है। इन्होंने पांच एकड़ का फर्जी तरीके से तहसीदार के हस्ताक्षर, पदमुद्रा एवं नामांतरण पंजी करके पिता कुंजविहारी पुत्र कल्ले लुहार के नाम फर्जी पट्टा बना दिया है। उसके एवज में चार लाख रुपए ले लिए है। तहसील और जिला के राजस्व अभिलेखागार रिकार्ड सरकारी जमीन आ रही है। जिसकी शिकायत कलेक्टर और एसपी से की है।

इनका कहना
हाल ही में पट्टे बनने का कार्य शासन स्तर पर बंद है। उसके खसरे को देखकर जानकारी करता हूं। उसके बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
कुलदीप सिंह, तहसीलदार टीकमगढ़।

इस प्रकार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई एफआईआर दर्ज की जाएगी।
अजय झां, तहसीलदार, लिधौरा।

हीरापुर गांव के पट्टे को लेकर जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। पटौरी वाला मामला विधानसभा का है। उसकी जांच की जाएगी।
अरविंद्र यादव, तहसीलदार, बल्देवगढ़।