
Malaria and Dengue ending, the figures of both cases in the year 2020 are zero
टीकमगढ़़. जिले में मलेरिया और डेंगू पर विभाग ने युद्ध स्तर पर लडाई लड़ी है। इस लडाई में गली मोहल्लों और घर-घर जाक र बचाव में लोगों को जागरुक किया गया है।जिसके कारण दोनों मामले इस वर्ष जिले में खत्म होते दिखाई दे रहे है। यह आंकड़े सरकारी कागजों दर्ज बता रहे है। वर्ष २०१६ से २०२१ तक मलेरिया २9२४ और डेंगू ३१9 दर्ज किया गया है। २५ अप्रेल को वल्र्ड मलेरिया डे मनाने की तैयारियां विभाग द्वारा की जा रही है। उसके पहले से विभाग ने छिड़काव शुरु कर दिया है।
जिले में वर्ष २०१६ से अब तक डेंगू और मलेरिया का ग्राफ गिरता आया है। जो मलेरिया और डेंगूूू के आंकड़े दर्ज थे, वह कोरोना काल में खत्म हो गए है। वर्ष २०२२ में जनवरी से अब तक मलेरिया और डेंगू को देखे तो दोनों मामलों के आंकड़े खत्म हो गए है। हाल ही मलेरिया विभाग द्वारा हजारों की संख्या में मलेरिया और डेंगू के लिए जांच की जा रही है। लेकिन दोनों बीमारियों के आंकड़े शून्य आए है।
मलेरिया और डेंगू का बढ़ा था प्रकोप, वितरण की थी मछरदानियां
मलेरिया और डेंगू को खत्म करने के लिए वर्ष २०१9 में बड़ागांव धसान और पलेरा के साथ अन्य स्वास्थ्य क्षेत्र में ढाई लाख से अधिक परिवारों को डबल मच्छर जालियां का ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहर में वितरण किया गया था। यह मच्दर जालियां राशन कार्ड में पात्र परिवारों को की गई थी। इस व्यवस्था से मलेरिया रोधी मच्छरदानियां भी कामगार साबित हुई।
स्लाइड द्वारा की जार ही जांचे
मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। जागरुकता फैलाने के लिए क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। उनका कहना था कि बार-बार बुखार आने पर स्लाइड से जांच की जा रही है। उसके बाद पता लगाया जा रहा है।
तीन से चार घंटे तक रहता है बुखार
मलेरिया अधिकारी हरीमोहन रावत का कहना था कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह प्रतिदिन तीन से चार घंटे तक रहता है। यह बीमाररी व्यक्ति को १० से १२ दिनों में प्रभावित कर देता है। इस बीमारी में ठंड लगना, उल्टी, दस्त तेज पसीना, शरीर का तापमान १०० डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना। सिर दर्द और जलन महसूस होती है। बचाव के लिए घरों में सफाई रखे और पुराने बर्तन, टायरों और खाली बर्तनों में पानी का जमा नहीं होने दे।
डेंगू का बढ़ा था प्रकोप
वर्ष २०२१ के अंत में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा था। प्रत्येक घर में बुखार से पीडि़त व्यक्ति था। मलेरिया विभाग द्वारा भी जिले में सैकड़ों की संख्या में टीमों को बनाया गया था। उनके द्वारा प्रत्येक घर में दवाओं का छिड़काव और सुरक्षित रहने के लिए जागरुक किया गया। यहां तक जिन घरों में डेंगू के मरीज सामने आए। उस घर की पूर्ण रुप से साफ-सफाई और दवाओं का छिड़काव किया गया।
२५ अप्रेल को है वल्र्ड मलेरिया दिवस
मलेरिया अधिकारी का कहना था कि २५ अप्रेल को वल्र्ड मलेरिया दिवस है। उसे मनाने के लिए संबंधित सभी विभागों को पत्रों के माध्यम से जानकारी दे चुके है। दिवस के दौरान सभी लोगों को मलेरिया और डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए शपथ दिलाई जाएगी। पनपने वाले स्थानों को भी खत्म किया जााएगा।
मलेरिया और डेंगू के आंकड़ों पर नजर
वर्ष मलेरिया डेंगू
२०१६- १३३० ०५
२०१7- 7२7 ०२
२०१8- ५३५ ०३
२०१9- १98 १२
२०२०- २8 ०१
२०२१- ०६ २9६
२०२२- ०० ००
इनका कहना
वर्ष २०२० में मलेरिया और डेंगू के आंकड़ों की संख्या शून्य है। उनकों खत्म करने के लिए लगातार विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे है। कोरोना काल के बाद यह आंकड़े सरकारी कागजों में नहीं है। २५ अप्रेल को वल्र्ड मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। जिसकी तैयारियां शुरु कर दी है।
हरीमोहन रावत जिला मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।
Published on:
23 Apr 2022 08:48 pm
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