इस जत्थे का शहर के अनेक सामाजिक संगठनों के लोगों ने पुष्प वर्षा का स्वागत किया। वहीं समाजसेवी सबसे आगे पूरी सड़क को साफ करते हुए चल रहे थे। गुरुवार को सिविल लाइन स्थित संस्कार स्कूल के साथ ही सिख समाज के साथ अन्य समाज के लोगों ने शहीदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यहां से बच्चे गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह साहिबजादों की याद में अपने हाथों में मोमबत्ती और फूल लेकर चल रहे थे तो सबसे आगे समाजसेवी पूरी सड़क को साफ करते हुए चल रहे थे। लोगों ने अपने हाथों में झाडू ले रखी थी और पूरी सड़क को पानी से साफ किया जा रहा था।
वहीं शहर में अनेक स्थानों पर इस शहीदी जत्था का लोगों ने पुष्प वर्षा का स्वागत किया। यह शहीदी जत्था गुरुद्वारे पहुंचा। गुरुद्धारे पर इसका समापन कर बच्चों को लंगर कराया गया। धर्म के लिए दे दी जान
वहीं गुरुद्वारे में ज्ञानी जी ने बताया कि गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह के चार साहिबजादों ने धर्म के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। उन्होंने बताया कि अजीत ङ्क्षसह, जुझार ङ्क्षसह, जोरावर ङ्क्षसह और फतेह ङ्क्षसह ने इस्लाम धर्म को स्वीकार न करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी थी। धर्म की रक्षा करते हुए शहीद हुए इन बालकों की याद में यह पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हमें बताता है कि धर्म हमारे प्राणों से कही श्रेष्ठ है। इस अवसर पर सरदार इंदरपाल ङ्क्षसह ओबेरॉय, रङ्क्षवद्र रावत, बद्री त्रिपाठी, श्रीराम जन्मोत्सव परिवार के शशांक तिवारी, ङ्क्षमटू यादव, शैलेंद्र द्विवेदी, विवेक चौरसिया सहित अनेक लोग शामिल रहे।