
टीकमगढ़. जिला अस्पताल में भर्ती मरीज।
मेडिसिन के डॉक्टरों पर लगातार बढ़ रहा काम का बोझ, नए पद स्वीकृत होने से सुधरेगी व्यवस्थाएं
टीकमगढ़. जिला अस्पताल में ओपीडी देखने वाले मेडिसिन के डॉक्टरों के पास एक मरीज के लिए 2 मिनट से भी कम का समय है। यदि इससे ज्यादा समय एक मरीज को देते हैं तो बहुत से मरीज इलाज से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में लंबे समय से जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अतिरिक्त पद स्वीकृत कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। 100 अतिरिक्त बेड स्वीकृत होने के बाद भी जिले में अब तक अतिरिक्त स्टॉफ स्वीकृत नहीं किया गया है।
जिला अस्पताल में मेडिसिन डॉक्टरों के 3 पद स्वीकृत हैं और तीनों भरे हैं। इसके साथ ही 2 एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं। ऐसे में मेडिसिन के कुल पांच डॉक्टर यहां पर उपलब्ध हैं। वहीं जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन एक हजार से 1200 मरीज पहुंच रहे हैं। पिछले पांच दिनों में जिले में उपचार कराने मरीजों की संख्या देखे तो औसतन 1028 मरीज प्रतिदिन जिला अस्पताल पहुंचे हैं। इनमें से 100 मरीज एक्सीडेंट, आंख, नाक या अन्य समस्या के माने जाएं तो भी 900 से अधिक मरीज मेडिसिन विभाग से जुड़े पहुंचे हैं। ऐसे में इन पांच डॉक्टरों में से प्रत्येक के हिस्से में 180 मरीज आए हैं। यह डॉक्टर जिला अस्पताल में कुल 7 घंटे की सेवा देते हैं। इसमें से 2 घंटे का समय अस्पताल में भर्ती मरीजों के राउंड एवं उनकी दवाएं बदलने में चला जाता है। अब हर डॉक्टर के पास 5 घंटे यानी की 300 मिनट का समय बचता है। ऐसे में एक मरीज के लिए उनके पास औसत 2 मिनट का समय रहता है। यही वजह है कि कक्ष के बाहर मरीजों की कतारें लगी रहती हैं और डॉक्टर भी इससे परेशान होते हैं। ऐसे में कई बार चाहकर भी मरीज का ठीक से परीक्षण नहीं हो पाता है।
जिला अस्पताल पर 29 लाख आबादी आश्रित
्रविदित हो कि जिला अस्पताल पर जिले के साथ ही यूपी से लगे ललितपुर जिले के बानपुर, मदनपुर, मड़ावरा, महरौनी के साथ ही छतरपुर जिले के घुवारा, सागर जिले के शाहगढ़ के साथ ही मोहनगढ़ क्षेत्र से लगे यूपी एरिया के लोगों का दबाव है।
ऐसे में लंबे समय से यहां पर डॉक्टरों के पद बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। मरीजों की इस संख्या के लिहाज से ही जिले में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया गया था।
नब्ज भी नहीं देखते, लिख देते हैं दवाएं
डॉक्टरों की कमी एवं मरीजों की संख्या को देखते हुए डॉक्टरों के पास इतना भी समय नहीं मिलता है कि वह तसल्ली से मरीज की नब्ज तो देखें। सिविल लाइन निवासी लक्ष्मी नारायण बिदुआ का कहना है कि पर्चा सामने आते ही डॉक्टर मरीज से बीमारी पूछते हैं और सीधी दवाएं लिखना शुरू कर देते हैं।
यह कहते हंैं अधिकारी
&जिला अस्पताल में ओपीडी का दबाव ज्यादा है। ऐसे में कोशिश की जाती है कि सामान्य मरीजों को अन्य डॉक्टरों से उपचार कराया जाए। 100 अतिरिक्त बेड स्वीकृत होने के बाद अब स्टॉफ की स्वीकृति होगी और पदों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में मरीजों को सुविधा होगी।
- डॉ. अमित शुक्ला, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल टीकमगढ़।
दिनांक ओपीडी मरीजों की संख्या भर्ती मरीजों की संख्या
११ १५०० १५०
१२ १३०० १९०
१३ ११५० १७०
१४ ३४० १४०
१५ ८५० १६०
Published on:
19 Mar 2025 05:48 pm
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