11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ORCHHA में श्रीराम-जानकी की हल्दी-तेल रस्म आज, 60 हजार मेहमानों के लिए बन रहे पकवान

Ram Janki Vivah Mahotsav 2024: मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी और दूसरी अयोध्या कहलाने वाले ओरछा में श्रीराम-जानकी के विवाह महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बुंदेली गीत-संगीत के बीच तेल और हल्दी की रस्म आज, पहुंचे हजारों मेहमान...

3 min read
Google source verification
Ram Janki Vivah Mahotsav 2024
Play video

ओरछा के राम राजा मंदिर में राम जानकी के विवाह महोत्सव में पहुंचे 60 हजार मेहमानो के लिए सुबह से तैयार हो हो रहे पकवान.

Ram Janki Vivah Mahotsav 2024: ओरछा में देर रात श्रीराम विवाह महोत्सव शुरू हो गया है, आज हल्दी और तेल की रस्म निभाई जाएगी। देश ही नहीं और विदेशों से हजारों श्रद्धालु आज ओरछा पहुंच जाएंगे। करीब 60 हजार लोगों के लिए कई तरह के पकवान बनना शुरू हो गए हैं। दूल्हा सरकार के मंडप और निकलने वाली बारात के लिए ओरछा के लोगों ने भी अपने घरों की तैयारी पूरी कर ली है। इस समय पूरी ओरछा नगरी भगवान के विवाह के रंग में रंगी दिखाई दे रही है।

दोपहर को सजेगा मंडप

मंदिर के पुरोहित आचार्य वीरेंद्र बिदुआ ने बताया कि भगवान के विवाह का मंडप सज गया है। गुरुवार दोपहर की आरती के बाद बुंदेली परंपरा के अनुसार मंडप का पूजन होगा। यहां पर कलेक्टर अपनी पत्नी के साथ मंडप का पूजन कर भगवान के विवाह की खाम लगाएंगे। इसके साथ ही भगवान को हल्दी और तेल चढ़ाया जाएगा। भगवान की हल्दी के बाद यही हल्दी श्रद्धालुओं को लगाई जाएगी।

देखें वीडियो

बुंदेली में गाए जा रहे विवाह के गीत

पिछले दो दिनों से मंदिर परिसर में रामराजा धर्मशाला में भगवान के विवाह की पंगत के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था की जा रही है। यहां पर तैयारियां कर रही महिलाओं के साथ ही अन्य श्रद्धालु महिलाएं पहुंच कर सेवा कर रही हैं। इसके साथ ही वह बुंदेली विवाह गीत गा रही हैं। ऐसे में यहां का माहौल और भी भक्ति मय होता दिखाई दे रहा है।

इस बार क्यों खास है राम-जानकी महोत्सव

श्रीराम-जानकी महोत्सव की 500 साल पुरानी परम्परा इस बार बेहद खास हो चली है। दरअसल हर साल की तरह प्रशासन भगवान राम और जानकी के विवाह का आयोजन इस साल भी धूमधाम से कर रहा है। लेकिन इस बार पहली बार प्रशासन ने श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव के कार्ड भी छपवाएं हैं। यही नहीं प्रिंटेट कार्ड के साथ ही ई-कार्ड भी तैयार करवाए गए हैं।

इस बार प्रशासन की ओर से छपवाए गए ये कार्ड देश के सभी प्रमुख मठ-मंदिरों में पहुंचाए गए हैं। एमपी के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को ई-कार्ड भेजकर आमंत्रित किया गया है।

हरदौल के लला को अर्पित किया पहला कार्ड


मंदिर के प्रबंधक एवं कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने बताया कि भगवान के विवाह का पहला कार्ड परंपरा के अनुसार हरदौल लला को अर्पित किया गया।

अयोध्या में रामलला को भी न्योता

इसके बाद राम-जानकी विवाह के कार्ड द्वादश ज्योतिर्लिंग, चारों धाम के साथ ही अयोध्या श्रीराम लला को भी राम-जानकी विवाह महोत्सव का न्योता दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही तिरुपति, वैष्णो देवी, बांके बिहारी मंदिर वृंदावन सहित देश के सभी प्रमुख मंदिरों में विवाह का आमंत्रण भेजा गया है।

इन्हें भी किया आमंत्रित

इस बार प्रदेश के सभी विभागों के प्रमुख सचिव, उप सचिव को भी कार्ड भेज जा रहे है। इसके लिए एक अधिकारी नियुक्त कर कार्ड हैंड टू हैंड पहुंचाने के निर्देश दिए है। तहसीलदार गुर्जर ने बताया कि भगवान के विवाह के आमंत्रण प्रदेश के सभी कलेक्टर एवं एसपी को भेजे जा रहे हैं।

देश के सभी प्रमुख मंदिर एवं अधिकारियों को कार्ड वितरित कराने के लिए इस बार 1200 कार्ड प्रिंट कराए गए है। साथ ही भगवान श्रीराम की स्तुति करते हुए आकर्षक ई-कार्ड भी तैयार कराया गया है। इसमें तीन दिवसीय विवाह महोत्सव का पूरा ब्यौरा अंकित किया गया है।

ठेठ बुंदेली में होता है आयोजन


भगवान राम के अयोध्या से ओरछा आगमन के बाद पिछले 450 साल से यह परंपरा निरंतर जारी है। यहां पर अवध और मिथला की परंपरा से दूर रहते हुए पूरा आयोजन बुंदेली रीति-नीति से किया जाता है। इसमें भगवान को मंडप के दिन हल्दी और तेल चढ़ाने की रस्म के साथ ही बारात में उन्हें खजूर का मुकुट पहनाने की परंपरा आज भी बरकरार है।

ये भी पढ़ें: अब नियम तोड़ने पर नहीं होगी जेल, जनविश्वास बिल ला रही सरकार, बदल जाएंगे कायदे-कानून

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने पूछा, भर्ती प्रक्रिया में 27 फीसदी OBC आरक्षण लागू क्यों नहीं कर रही मध्यप्रदेश सरकार?