
Rail User Advisory Datri Committee complained to fill the walls on both sides
टीकमगढ़.रेल सेवा शुरू होने के पहले ही रेल लाइन के ऊपर बना नारगुडा पुल का टूटना शुरू हो गया था। अब यह पुल की दीवारंे दोनों ओर से गिरने लगी है। इसके साथ ही यह कई जगहों से टूट चुकी है। जबकि इसी पुल के नीचे से दिन में तीन रेलगाडियों का आना-जाना बना हुआ है। इसके सुधार के लिए रेल परामर्श सदस्यों ने रेल समिति की बैठक में मांग उठाई थी। जिसके बाद इसका निरीक्षण किया गया था। लेकिन यह सुधार का कार्य ठंडे वस्ते में पड़ा हुआ है।
रेलवे स्टेशन की कुछ ही दूरी से लाइन के ऊपर से नारगुडा पुल का निर्माण किया गया था। पुल निर्माण में दोनों ओर की दीवरों को सीमेंट और पत्थर से बनाई। उसके भराव में मिट्टी को डाला गया। बेस मजबूत नहीं होने के कारण यह दोनों ओर की दीवारे कई जगहों से टूट चुकी है। इन दीवारों के कुछ हिस्से रेल लाइन में गिरे तो कुछ उसके आगें गिर गए। पुल के ऊपर बारिश के पानी के बहाव से नाले हो गए है। जहां पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। जबकि इन लाइन से सबसे पहले झांसी से खजुराहो तक पैसेजर रेलगाडी का शुभारंभ किया गया था। फिर भोपाल से खजुराहो और अब इंदौर से खजुराहो की रेल गाड़ी चलाई जा रही है। अब कुछ ही दिनों बाद कुरूक्षेत्र दिल्ली से खजुराहो तक रेल चलाई जाएगी।
बारिश के समय भरभरा गई थी दीवार
इसी वर्ष बारिश के दौरान रेलवे स्टेशन की ओर की पुल दीवार पानी के साथ भरभरा गई थी। इसके साथ ही रेलवे लाइन पर भी पत्थर पहुंचे थे। वहीं एक तरफ की दीवार कुछ दिनों में गिरने वाली है। अगर समय रहते रेल कर्मचारियों नहीं देखा गया तो कभी भी हादसा हो सकता है।
बैठक में उठाया था मामला, जांच के हुए आदेश
पूर्व रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति सदस्य विकास यादव ने बताया कि तीन वर्ष पहले नारगुडा पुल की दीवारों की टूटने का मामला समिति की बैठक में उठाया था। डीआरएम के साथ अन्य अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी के साथ लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद टीम भी आई। लेकिन मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले को लेकर कार्रवाई के लिए रेल जंक्शन प्रबंधन को पत्र लिखा जाएगा।
स्थानीय लोगों ने लगाए आरोप
स्थानीय निवासी पहलवान सिंह यादव, काशीराम पाल, महेंद्र लोधी, हनुमत सिंह और पुष्पेंद्र अहिरवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजशाही दौर में निर्माण किए भवन और पुल, पुलिया आज नवीन निर्माण की तरह जमी हुई है। वहीं १० वर्ष पूर्व निर्माण किए गए पुल ने आज खण्डहर का रूप ले लिया है। जिसके निर्माण में कई प्रकार की जांच भी की जाती रही है।
इनका कहना
यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में जल्द ही लाया जाएगा। अभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेल प्रबंधन के कार्यक्रम में व्यस्त हूं। कार्यक्रम के बाद स्थानीय कर्मचारियों को पुल के निरीक्षण के निर्देश दिए जाएगें।
मनोज सिंह पीआरओ रेलवे मंडल झांसी उप्र।
Published on:
15 Feb 2020 05:00 am
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