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स्कूल द्वारा बनाए जाने वाले जाति प्रमाण पत्र का एक साल से छात्रों को इंतजार, एसडीएम के पास अटकी फाइल

टीकमगढ़ लोकसेवा केंद्र।

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टीकमगढ़ लोकसेवा केंद्र।

टीकमगढ़ लोकसेवा केंद्र।

४० रुपए फीस लेकर भरवाए गए थे जाति प्रमाण पत्र के फार्म, लोक सेवा केंद्र में बने कचरा

टीकमगढ़.
जिले के ३१ संकुल केंद्र क्षेत्र में आने वाले कक्षा एक से १२ वीं तक के छात्रों ने ४० रुपए फीस देकर जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए स्कूल में फार्म भरा था। लेकिन एक साल बाद उन फार्मों का जाति प्रमाण पत्र बनकर नहीं आया हैं। इन सबकी फाइल एसडीएम कार्यालयों में अटकी हैं। जिसके कारण जहां छात्रों को प्रवेश के लिए स्कूलों में चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
छात्रों को प्रवेश के साथ अन्य कार्यों में जाति प्रमाण पत्र की जरुरत पड़ रही हैं। इस समस्या को देखते हुए शासन ने स्कूल से ही जाति प्रमाण पत्र बनवाने का ऐलान किया था। जिसको लेकर संकुल केंद्र के निर्देश पर छात्रों ने लोकसेवा फीस ४० रुपए लेकर जाति प्रमाण पत्र का फार्म तैयार किया था। उन फार्मों को संकुल केंद्र के माध्यम से लोकसेवा केंद्र में जमा किए गए थे। लेकिन आज तक उन फामो्र्रं से जाति प्रमाण पत्र नहीं बना पाए हैं। जिसको लेकर छात्रों के साथ अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
लाखों की संख्या में भरे गए थे फार्म
टीकमगढ़ विकासखंड, बल्देवगढ़, पलेरा और जतारा विकासखंड में कक्षा एक से १२ वीं तक के १७९५ और अशासकीय विद्यालय २०० से अधिक संचालित हो रहे हैं। इनमें लाखों की संख्या में छात्र दर्ज हैं। उन सभी ने तत्काल जाति प्रमाण पत्र मिलने के नाम पर फार्म भरे थे। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण एक साल से इन फार्मों के नाम से प्रमाण पत्र बनकर नहीं आए हैं। छात्र आज भी जाति प्रमाण पत्रों का इंजतार कर रही हैं।
इसके लिए हुई थी व्यवस्था
स्कूल प्रवेश और छात्रवृत्ति के साथ अन्य कार्यों के लिए जाति प्रमाण बनवाने में परेशानियां होती थी। छात्र और अभिभावकों की इस समस्याओं को देखते हुए शासन ने स्कूल से जाति प्रमाण पत्र बनवाने की पहल शुरु की थी। प्रमाण पत्र बनकर शिक्षकों द्वारा कक्षाबार वितरण होकर काम आ सके, लेकिन इस पहल से सिर्फ छात्रों के फार्म ही भर पाए। लेकिन जाति प्रमाण बनकर नहीं मिल पाया। अब फिर से छात्र और अभिभावकों की परेशानियां बड़ गई हैं।

यह होती थी परेशानियां
जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरपंच, पटवारी, तहसीलदार और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करना होता था। इसके बाद फार्म फीस भरकर लोकसेवा कार्यालय में जमा करना पड़ता हैं और समय अनुसार प्रमाण पत्र बन जाता हैं। लेकिन जिम्मेदार छात्रों की परेशानियों को सरल नहीं बना पाए।

एसडीएम के पास अटकी छात्रों की फाइले
जिले के संकुल केंद्र प्रभारियों ने १७९५ स्कूलों में दर्ज छात्रों से जाति प्रमाण पत्र के लिए ४० रुपए फीस सहित फार्म भरवा लिए थे। उसके बाद इन फार्मों को लोकसेवा केंद्र में जमा कर दिया था। उन्होंने सभी फार्मों को एसडीएम की साइड पर अपलोड कर दिया हैं। अब फाइल एसडीएम के पास अटकी हैं। इस कारण से छात्रों के जाति प्रमाण एक साल से नहीं बन पाए हैं।

जिम्मेदारों ने यह कहा
पलेरा बीइओ राकेश जैन ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र बनवाने की जिम्मेदारी संकुल केंद्र थी। सभी स्कूलों से फार्म भरवाए गए थे, प्रमाण पत्र क्यों नहीं आए हैं। जानकारी करता हूं। टीकमगढ़ बीईओ सिद्धाथ कुमार जैन ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी नहीं हैं। विभाग में बात करता हूं। जतारा बीईओ एमपी खरे ने बताया कि इस वर्ष दो चुनाव के कारण नहीं बन पाए होंंंंगे। लोकसेवा में जानकारी करता हूं।

फैक्ट फाइल
४- विकासखंड कार्यालय
१२११- जिले में प्राथमिक विद्यालय
४३४- माध्यमिक विद्यालय
१५० हाइस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालय
२०० सभी अशासकीय विद्यालय

जिले के सभी स्कूलों से जाति प्रमाण बनवाने के लिए लोकसेवा में फार्म आए थे। यह फार्म बड़ी संख्या में जमा हुए थे। केंद्र द्वारा सभी आवेदन ऑनलाइन एसडीएम के लिए साइड पर अपलोड कर दिए। उनके द्वारा जिला कार्यालय की साइड पर फार्म नहीं दिया हैं। उनके द्वारा जैसे ही फार्म अपलोड होकर आता हैं, वैसे ही जाति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। अभी हाल में जाति प्रमाण की फाइल एसडीएम कार्यालय में अटकी हैं।
अमन गोयल, जिला प्रबंधक, लोकसेवा गारंटी टीकमगढ़।