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६४१० में से ५२७३ सीटें भरी, ११३७ सीटें पड़ी खाली

जिले के आठ महाविद्यालयों में बीए की सीटें फुल हो गई है। केवल बीएससी और बीकॉम की कक्षाएं की सीटें खाली रह गई है। अब बीए की सीटें बढ़ाने के लिए छात्र और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रबंधन को ज्ञापन दिया है।

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Students who were deprived of admission in colleges will get another possible chance.

Students who were deprived of admission in colleges will get another possible chance.


टीकमगढ़. जिले के आठ महाविद्यालयों में बीए की सीटें फुल हो गई है। केवल बीएससी और बीकॉम की कक्षाएं की सीटें खाली रह गई है। अब बीए की सीटें बढ़ाने के लिए छात्र और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रबंधन को ज्ञापन दिया है। अभी तक सीएलसी का छठवां राउंड पूर्ण हो गया है। अब सातवें राउंड की स्वीकृति मिलने के बाद चलाया जाएगा।
महाविद्यालयों में जून से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आज तक प्रवेश के लिए छह राउंड पूर्ण हो गए है। उसके बाद भी सैकड़ों की संख्या में छात्र प्रवेश के लिए बाकी है लेकिन महाविद्यालयों में बीए की सीटें खाली नहीं है। सीटें बढ़ाने के लिए विद्यार्थी परिषद और छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन को ज्ञापन दिया है। उनके ज्ञापन पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा विचार किया जा रहा है। सोमवार के बाद प्रबंधन द्वारा उच्च शिक्षा विभग को पत्र लिखा जाएगा। उसके बाद सीटों को बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा।
६४१० है जिले में सभी बिषयों की सीटें
जिले के पीजी कॉलेज में १७८०, कन्या कॉलेज में ४००, लॉ कॉलेज में ७०, पलेरा कॉलेज में ८५०, जतारा में ११४०, मोहनगढ़ कॉलेज में ४४०, बल्देवगढ़ कॉलेज में ५७०, लिधौरा में ६६० सीटें दर्ज है। जिसमें बीए, एमए, एमकॉम, बीकॉम, बीएससी के साथ अन्य बिषय दर्ज है। हाल ही में बीए की जतारा में ३१ और पलेरा में ५४ सीटें खाली पड़ी है। सबसे अधिक सीटें बीएसी की सीटें खाली है।
कक्षा १२वीं के उत्तीर्ण छात्र हो रहे परेशान
हायर सेकंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रयासरत बड़ी संख्या में छात्रों को अब तक बीए की कक्षाओं में प्रवेश नहीं मिल पाया है। यह समस्या टीकमगढ़ के कॉलेज में नहीं है। यह समस्या जिले के सभी साम कॉलेजों की बनी हुई है। जिसकी वजह से कॉलेज प्रबंधन द्वारा सांतवें चरण की को आयोजित करने की तैयारियां की जा रही है।
तीन महीने से चल रही है प्रवेश प्रक्रिया
कालेजों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया जून महीने से शुरू हो गई थी। पहले सख्त तौर पर कहा गया था कि आनलाइन प्रवेश की एक चरण में प्रक्रिया होगी। इसके बाद सीएलसी के तीन चरण होंगे। इसके बाद प्रवेश नहीं मिलेगा। विभाग की इस सख्ती के चलते शुरुआती चरणों में प्रवेश हुए लेकिन बाद में छात्र कम संख्या में आने लगे। इस कारण अब सितंबर महीने के आखिरी तक प्रक्रिया अपनाने की तिथि घोषित की गई है। कहा जा रहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो एक चरण और भी घोषित हो सकता है।

फैक्ट फाइल
८- जिले में कुल महाविद्यालय
६४१० -जिले के कॉलेजों में छात्रों के लिए सीटें
५२७३- जिले में भरी सीटें
११३७- जिले में खाली सीटें
कॉलेज सीटें भरी सीटें खाली सीटें
महाविद्यालय टीकमगढ़ २२८० १४४० ३४०
महाविद्यालय कन्या टीकमगढ़ ४०० ४०० ००
महाविद्यालय पलेरा ८५० ७३५ ११५
महाविद्यालय जतारा ११४० ८६० २८०
महाविद्यालय मोहनगढ़ ४४० ३०८ १३२
महाविद्यालय बल्देवगढ़ ५७० ४७० १००
महाविद्यालय लिधौरा ६६० ४९० १७०
इनका कहना
बीए की सीटें फु ल हो गई है। बीएससी और बीकॉम की सीटें खाली पड़ी है। उच्च शिक्षा विभाग को पत्र के माध्यम से बीए की सीटें बढ़ाने की मांग की जाएगी। जो छात्र प्रवेश के लिए रह गए है। उनको सीएलसी राउंड के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा।
डॉ इंद्रजीत जैन, प्रभारी प्राचार्य पीजी कॉलेज टीकमगढ़।

हमारे यहां बीए की कक्षाएं ही लगती है। जहां ४०० सीटों में से ४०० सीटें भर चुकी है। छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रोफेसरों की कमी है।
डॉ प्रवीण झाम, प्राचार्य, शासकीय वीरांगना रानी अबंतीबाई कन्या महाविद्यालय टीकमगढ़।

बीएससी और बीकॉम के छात्र-छात्राएं प्रवेश के लिए नहीं आए है। बीए के छात्रों ने सीएलसी राउंड के अनुसार भाग लिया है।
डॉ रमेश अहिरवार, प्राचार्य महाविद्यालय जतारा।

बीए की सीटें फुल हो गई और बीएससी की खाली पड़ी है। बीए की सीटें बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
डॉ राजेश गुप्ता, प्राचार्य महाविद्यालय मोहनगढ़।

बीए की सीटें फुल हो गई है और बीएससी की १०० सीटें खाली पड़ी है। यहां पर छात्रों को बैठाने की परेशानी होती है।
डॉ विजय शंकर प्रजापति, प्राचार्य महाविद्यालय बल्देवगढ़।

हमारे यहां बीए में सबसे अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया है। बीकॉम में ५ और बीएससी में ८० छात्रों ने ही प्रवेश लिया है।
प्र्रोफेसर रमेश रैकवार, प्राचार्य महाविद्यालय पलेरा।