
महेन्द्र सागर तालाब
महेंद्र सागर तालाब की जमीन बेचने का मामला
टीकमगढ़. जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाले महेंद्र सागर तालाब की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने की जांच करने के लिए तहसीलदार ने 9 सदस्यीय टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। तहसीलदार ने टीम को तीन दिन में जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा था, लेकिन पहले दिन टीम जांच करने नहीं पहुंची।
महेंद्र सागर तालाब की जमीन को बेचने एवं इस पर अतिक्रमण को हटाने के साथ ही इस तालाब को बचाने के लिए युवाओं द्वारा हाईकोर्ट में रिट दायर की गई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को चार सप्ताह में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस पर तहसीलदार कुलदीप ङ्क्षसह ने 2 आरआई और 7 पटवारियों की टीम का गठन कर तीन दिन में जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए थे। ऐसे में गुरुवार को टीम को तालाब पर पहुंच कर जांच करनी थी, लेकिन पहले दिन टीम नहीं पहुंची। अब इसकी जांच के लिए दो दिन का समय बचा है।
102 हेक्टेयर का है तालाब
विदित हो कि इस पूरे तालाब का रकबा 102 हेक्टेयर बताया जा रहा है। वर्तमान में तालाब में बहुत अधिक पानी होने के साथ ही जहां अतिक्रमण एवं जमीन बेचना बताया जा रहा है वहां पर बोवनी कर ली गई है। ऐसे में इसके नाप के लिए पर्याप्त समय चाहिए।
वहीं पहले दिन टीम के न पहुंचने पर रिट दायर करने वाले इनकी राह देखते रहे। रिट दायर करने वाले नितिन पुरोहित का कहना है कि केवल नाप से काम नहीं चलेगा, प्रशासन को फर्जी तरीके से विक्रय की गई जमीन की जांच कर भी दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही इस जमीन को वापस कर तालाब के रकबे में जोडऩा चाहिए।
मशीनों से होगी नाप
इस मामले में तहसीलदार कुलदीप ङ्क्षसह का कहना है कि तालाब की जमीन की नाप मशीनों से किया जाएगा। यह काम दो दिन में विधिवत पूरा किया जाएगा। उनका कहना था कि तालाब की पूरी जमीन का नाप कर अतिक्रमण ङ्क्षचहित करने के साथ ही इसकी पूरी जांच की जाएगी। तालाब की पूरी जमीन को मुक्त कराया जाएगा।
Published on:
13 Dec 2024 07:12 pm
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