
Toilets not accessible in the city, lock somewhere and some places of
ल्देवगढ़. नगर में शौचालय तो है लेकिन सुलभ नहीं है। शौचालय में साफ-सफाई नहीं होने के कारण गंदगी के कारण लोग वहां जाने से कतराते हैं। नगर परिषद की कथनी और करनी में अंतर शौचालय की स्थिति देखकर स्पष्ट हो जाती है। नगर के चारों सार्वजनिक शौचायलयों की स्थिति बदहाल है। नगर परिषद के जिम्मेदार अफ सर ही अभियान पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। नगर में नगर परिषद एवं पुरातत्व विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर चार सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया। लेकिन इन शौचालयों में से कुछ में ताले लगे हैं तो वहीं कुछ शौचालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
आलम यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बस स्टैण्ड एवं जनपद प्रांगण एवं किला परिसर सहित चार सार्वजनिक शौचालय होने के बाद भी दुकानदार, मरीज, एवं आम लोगों को खुलें में लघु शंका व शौच के लिए जाना पड़ता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़़ता है। इसके बावजूद नगर प्रशाासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है।
स्वच्छता अभियान गायब
केन्द्र सरकार ने लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया एवं सर्वेक्षण को लेकर चार चरणों में भी कर दिया, लेकिन ब्लॉक के जिम्मेदार अफ सर ही इसे भूल चुके हैं। स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए घर-घर शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन पहले एवं वर्तमान में बने सुलभ शौचालय की अनदेखी की जा रही है।
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महिलाओं को ज्यादा परेशानी
शौचालय की समस्या सबसे अधिक महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। नगर परिषद ने शौचालय के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च तो कर दिए लेकिन इन शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है। इन शौचालयों पर ताले लटके रहते हैं।शौचालयों में ताले लटके होने के कारण महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
&सभी जगह के शौचालय चालू हैं। तहसील के पास वाले शौचालय में कुछ कार्य बाकी रह गया है। जल्द ही शौचालयों को चालू करा दिया जाएगा।
प्रदीप ताम्रकार, सीएमओं नगर पंचायत बल्देवगढ
Published on:
18 Oct 2019 10:26 am
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