(फोटो कैप्शन:बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से सड़क पर पड़े ओले।)
टीकमगढ़।बादलों ने शाम को पूरे जिले के तरबतर कर दिया। ग्रामीण अंचल से बारिश होने के समाचार मिले है। पलेरा एवं ओरछा में तेज बारिश के साथ ही जमकर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि का असर पूरे जिले में दिखा वहीं तेज हवाओं से पूरे जिले में शीतलहर शुरू हो गई।
तापमान में अचानक आई गिरावट
शीत लहर के कारण दिन के अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को दिन का तापमान जहां 34.5 डिग्री सेल्सियस था वहीं बुधवार को ओलावृष्टि के बाद यह 27.2 डिग्री पर आ गया। दशहरा के बाद भी मौसम में बदलाव नही आया था। लोगों को दिन में खासी गर्मी का अहसास हो रहा था।
बेमौसम बारिश और ओलों ने किया बेहाल
टीम पत्रिका कर्ज और बर्बाद फसल से आहत किसान को बेमौसम बारिश और ओलों ने भी बेहाल कर दिया। बुधवार को अशोनगर, ग्वालियर-चंबल संभाग और महाकौशल में हुई ओलावृष्टि से धान समेत अन्य खड़ी फसलें खेत में ही बिछ गईं। मालवांचल में इंदौर समेत कई क्षेत्रों में बुधवार को देर तक रिमझिम बारिश हुई, जिससे पारा गिर गया। उधर, कटनी, सतना और पन्ना में गाज गिरने से पांच की मौत हो गई।
सब्जी को नुकसान
पलेरा और ओरछा में हुई ओलावृष्टि से किसान सब्जी की फसलों को नुकसान बता रहे हैँ। ओरछा के किसान जगदीश कुशवाहा, देवीदास कुशवाहा ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण टमाटर, गोभी एवं धनिया को नुकसान हुआ है। वहीं अन्य फूलदार सब्जियों को भी नुकसान बताया जा रहा है। सब्जी के खेती कर रहे किसानों को भी अब मुसीबतों का सामना करना पड़़ेगा, लेकिन अन्य किसानों को फायदा होगा।
ठड़ी हवाओं से मौसम सर्द
सागर संभाग में बुधवार को कई जगह बारिश के साथ ओले गिरे। सागर में दिनभर ठंडी हवाओं से मौसम सर्द रहा। जिससे लोग ठिठुर उठे। रात 8 बजे शहर के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। आसपास के ग्रामीण इलाकों मालथौन, खुरई, बीना में ओले गिरे। इससे तापमान में 4.4 डिग्री की गिरावट आई।
अधिकतम तापमान 4.4 डिग्री गिरा
सुबह से ही बादल छाए रहने से मौसम ठंडा था। दिन भर सर्द हवाएं चलीं। लेकिन शाम को कई जगह गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। आसपास के इलाकों में ओले गिरे। सागर में 7. 8 मिलीमीटर दर्ज की गई। अधिकतम तापमान में 4.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट आ गई। इससे दिन में चल रहे पंखे बंद हो गए। लोग रात में गर्म कपड़े पहनकर निकले। छोटे बच्चों को भी सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहना दिए।
इसलिए गिरे ओले
भोपाल मौसम केंद्र निदेशक डॉ. अनुपम काश्यपि ने बताया कि अरब सागर से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है, जिसके कारण पश्चिमी मप्र में ऊपरी हवा का चक्रवात 1.5 किमी ऊंचाई पर है। जम्मू कश्मीर में बने पश्चिमी विक्षोभ का असर भी है। इसलिए उप्र से लगे मप्र के इलाकों में बारिश और ओले की स्थिति बन सकती है।
आज यहां ओलावृष्टि की आशंका
मौसम विभाग ने गुरुवार को चंबल, ग्वालियर संभाग, श्योपुर, दतिया, सागर, रीवा संभाग, शहडोल संभाग के उत्तरी हिस्से में ओलावृष्टि की आशंका जताई है।
कल से राहत संभव
मौसम के मिजाज में शुक्रवार से कुछ परिवर्तन होने की संभावना है। इंदौर, भोपाल संभाग में बादल छंटना शुरू हो गए हैं, यहां गुरुवार से राहत मिल सकती है। उत्तर पश्चिम मप्र में शुक्रवार से धीरे-धीरे बादल छंटने की उम्मीद है। बादल छंटने के बाद धीरे-धीरे तापमान में गिरावट होगी।
किसानों के लिए अमृत
सागर. सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए यह बारिश अमृत के समान है। कृषि उप संचालक नामदेव हेडाउ के अनुसार खरीफ की फसल चौपट होने के बाद रबी की फसल की बोवनी किसानों ने शुरू नहीं की थी। बुधवार को ग्रामीण इलाकों में हुई बारिश से खेतों में नमी बन सकती है। तीन दिन तक यदि मौसम ऐसा ही रहा तो किसानों को रबी की बोवनी करने में आसानी होगी। इस बारिश से पलेवा लगाने में पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसान रबी की बोवनी कर सकते हैं।