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अब संपर्क एप बताएगा कौन-कौन अधिकारी पहुंचे आंगनबाड़ी केन्द्र

योजनाओं की सतत मॉनीटरिंग करने महिला बाल विकास विभाग ने शुरू किया एप

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Women Child Development Department Contact App

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टीकमगढ़. अब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर संयुक्त संचालक से लेकर पर्यवेक्षकों तक को नियमित रूप से निरीक्षण करना होगा। यह अधिकारी आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर रहे है या नहीं इसकी जानकारी के लिए विभाग ने संपर्क एप शुरू किया है। इस एप को जीपीएस से जोडऩे के साथ ही विभाग ने हर अधिकारी को माह में आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण का लक्ष्य भी दिया है। निरीक्षण की पूरी जानकारी संबंधित अधिकारी को इस एप पर दर्ज करनी होगी।


शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके बाद भी सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे है। शासन के तमाम प्रयास के बाद भी कुपोषण में कमी न आने का वास्तविक कारण संबंधित अधिकारियों का इन केन्द्रों का नियमित निरीक्षण न करना सामने आया है। अधिकारियों के केन्द्र पर न पहुंचने के कारण योजनाएं सही तरीके से क्रियान्वित नहीं हो रही है और इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।

इसके लिए अब महिला बाल विकास विभाग ने संपर्क एप का सहारा लिया है। अधिकारी समय से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें एवं वहां की व्यवस्थाएं देखे इसका पूरा लेखा-जोखा इस एप पर होगा।

ऐसे काम करता है एप: महिला बाल विकास विभाग द्वारा शुरू किए गए संपर्क एप पर संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक तक की आईडी बनाई गई है। यह एप जीपीएस से जुड़ा हुआ है। जैसे ही संबंधित अधिकारी किसी केन्द्र पर जाकर इसमें लॉग इन करेंगा वैसे ही जीपीएस अपने आप बता देगा कि यह किस जगह पर है। वहीं इसमें अपने आप फोटो ऑप्शन आएंगा और संबंधित अधिकारी को वहां से अपनी फोटो लेकर उसे शेयर करना होगा। इसके बाद उसमें केन्द्र की व्यवस्थाओं से संबंधित विभिन्न ऑप्शन आएंगे। उस पर संबंधित अधिकारी को जानकारी दर्ज करनी होगी।


दिए लक्ष्य: इस एप के प्रारंभ करने के साथ ही विभाग ने सभी अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के लक्ष्य भी दिए है। एप के अनुसार संयुक्त संचालक को माह में 12, जिला कार्यक्रम अधिकारी को 12, परियोजना अधिकारी को 16 एवं पर्यवेक्षक को माह में 16 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करना होगा। इन निरीक्षणों को एप के माध्यम से शेयर भी करना होगा। विभाग का मानना है कि जब अधिकारी नियमित रूप से केन्द्रों पर पहुंचेंगे तो निश्चित रूप से व्यवस्थाओं में सुधार होगा।