पढ़ाई पर करते हैं लाखों खर्च एक इंटरव्यू में खेसारी ने कहा था कि आज वह जिस मुकाम पर हैं वह सिर्फ लोगों के प्यार के कारण हैं। उन्होंने बताया था कि सभी धर्मों और जातियों के 62 बच्चों को उन्होंने गोद ले रखा है। इन बच्चों की पढ़ाई के लिए वह हर महीने 3 लाख रुपए पढ़ाई पर खर्च करते हैं। इतना ही नहीं खेसारी अपनी कमाई का 40 फीसदी हिस्सा चैरिटी में दान करते हैं। खेसारी ने अपने जीवन में मुश्किल वक्त देखा है, यही वजह है कि वह लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
हम महीने जाते हैं वृद्धाश्रम इसके साथ ही खेसारी लाल यादव ने इंटरव्यू में बताया था कि वह हर महीने वृद्धाश्रम जाते हैं। जब-जब खेसारी वृद्धाश्रम जाते हैं तो कभी भी खाली हाथ नहीं जाते। बल्कि 50 हजार के फल अपने साथ ले जाते हैं। जिनको वह बुजुर्गों को दान करते हैं। खेसारी वृद्धाश्रम में जाकर बुजुर्गों के पैर भी धोते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं। वहीं, इन दिनों खेसारी लाल यादव बाढ़ पीड़ितों की मदद में व्यस्त हैं। अपने फाउंडेशन के जरिए वह लोगों को जरूरत की सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। हर साल खेसारी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आते हैं।
गरीबी में बीता शुरुआती जीवन आपको बता दें कि खेसारी लाल यादव का शुरुआती जीवन (Khesari Lal Yadav Struggle) काफी गरीबी में बीता है। उन्होंने छपरा के रसूलपुर चट्टी धनाड़ी गांव के सामान्य परिवार में जन्म लिया। करीब दस साल तक खेसारी ने दूध बेचने का काम किया था। उसके बाद दिल्ली आकर उन्होंने पत्नी के साथ मिलकर लिट्टी चोखा की रेहड़ी भी लगाई। इसके बाद खेसारी ने अपना एक भोजपुरी एलबम निकाला। उनको पहली सफलता एल्बम माल भेटाई मेला से मिली। जिसके बाद खेसारी ने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा।