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तमिलनाडु में Rajinikanth को राजनीति में लाने के लिए लगने लगे पोस्टार, लिखा- ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’

रजनीकांत से राजनीति में आने का आग्रह फैन ने पोस्टरर के जरिए कहा, 'अभी नहीं तो कभी नहीं

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rajinikanth in politics

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नई दिल्ली। तमिलनाडु में अब लोग एक नई उम्मीद की किरण लिए बैठे है कि ‘सुपरस्टार’ रजनीकांत के राजनीति में आने से एक नया सुधार होगा। क्योंकि रजनीकांत के प्रशंसकों को पूरा विश्वास है कि वहीं एक ऐसे नायक है जो राजनीतिक शून्य को ठीक ढंग से भर सकते हैं।

अब रजनीकांत के समर्थक भी उन्हें राजनीति में लाने के लिए खुलकर सामने आ रहे हैं तरह-तरह के पोस्टर लगाकर अपनी भावनाओं को उनके प्रशंसक व्यक्त करने की कोशिश कर रहे हैं। रजनीकांत की लोकप्रीयता को भुनाने के लिए अन्नाद्रमुक के अलावा कई राजनीतिक दल उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए उनसे अनुरोध भी कर रहे हैं।

हालांकि रजनीकांत ने अपने बयान में साफ कहा है कि ना तो उनका इरादा मुख्यमंत्री बनने का है और ना ही उन्हे विधानसभा जाने का शौक है। उन्होंने तो साफ शब्दों में यहां तक कह दिया कि राजनीति में मेरे खानदान में भी कोई नहीं रहा है। उन्होंने ये ख्वाहिश ज़रूर ज़ाहिर की है कि कोई युवा नई शक्ति और नए जोश के साथ विधानसभा में जाकर राजनीति की परिभाषा बदलने का काम करे उसके लिए वे एक मजबूत पुल का काम ज़रूर करेंगे।

उन्होंने राजनीति के लिए अपने विचार रखे, उनका मानना है कि उनकी पार्टी में केवल 60 से 65 प्रतिशत लोग 50 साल से भी कम उम्र के होंगे, जो योग्यता वाले होने साथ ही सार्वजनिक तौर पर प्रभावशाली भी होंगे। इसके साथ पार्टी में 30-40 प्रतिशत लोग सेवानिवृत्त न्यायाधीश, आईएएस, आईपीएस और राजनेता शामिल होंगे। जिनमें महिलाओं की भी बराबर की भागीदारी होगी।

हालांकि कोरोना माहामारी की वजह से मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगा है और आज भी लोग कोरोना की वजह से फूरी छूट के साथ काम नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है सुपर स्टार रजनीकांत अभी तक ना तो पार्टी का गठन कर पाए हैं और ना ही राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है आगमी नवंबर तक पार्टी का गठन हो सकता है। उन्होंने मार्च में एक प्रेस वार्ता करके कहा था कि 'हमें लोगों को यह बताने की जरूरत है कि यह रजनी के लिए नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु के लोगों के लिए है। मैं यहां 15-20 प्रतिशत वोट लेने के लिए नहीं हूं, यह मेरा एकमात्र मौका है। मैं 71 साल का हूं और 2026 के चुनाव तक मैं 76 साल का हो जाऊंगा. एक बार संदेश अधिक लोगों तक पहुंच जाए और आम लोग बदलाव लाना चाहें तो मैं इस विषय में सोचू सकता हूं।'