
जिला जेल में वसूली करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज
जिला जेल में वसूली करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज
तीन बंदी व एक अन्य के खिलाफ हुआ कोतवाली में मामला दर्ज
पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया तथा मामला
एप के जरिए जेल तक पहुंच रही थी राशि
टोंक. जेल में बंदियों से मारपीट और सुविधा के नाम पर चल रहे वसूली का मामला कारागार महानिदेशक के आदेश के बाद आइजी जेल की ओर से कोतवाली थाने में दर्ज कराया गया है। मामले में शिकायतकर्ता दिल्ली के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर ने की थी।
राजस्थान पत्रिका ने जेल में चल रही अवैध वसूली और मारपीट का मामला प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद मामले की जांच जिला कलक्टर के आदेश पर जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की थी।
उनकी जांच रिपोर्ट आने पर जेल महानिदेशक ने रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। जेल आइजी ने जेल के बंदी मेघराज जाट, राजेश, राम पाण्डे तथा दूध डेयरी चलाने वाले कमलेश खण्डेलवाल के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। गौरतलब है कि जेल में बंदियों से राशि जेल के पुराने बंदी मांगते थे।
रुपए नहीं देने वाले बंदियों को पीटा जाता था। जेल बाहर पैरोल तथा जेल में मिलने जाने वाले परिजनों को बंदी अपनी पीड़ा बयां कर रहे थे। ऐसी पांच शिकायतें जिला कलक्टर से लेकर उच्चाधिकारियों तक पहुंची थी।
सवाईमाधोपुर से टोंक जेल में शिफ्ट किए गए दो आरोपियों से हुई मारपीट और रुपए मांगने पर उन्होंने इसका खुलासा कलक्टर से लेकर उच्चाधिकारियों तक शिकायत कर किया गया था। इसके बाद लगातार पांच मामले सामने आए। इसके बाद जिला कारागृह में बंद बंदियों से रुपए की वसूली तथा राशि नहीं देने पर मारपीट के मामले की जांच जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दी तो उन्होंने 21 अगस्त 2020 को मामले की जांच कर रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक सवाईमाधोपुर के माउनटाउन थाना क्षेत्र के बंदी जितेन्द्र उर्फ जीतू पुत्र श्रीचंद सिंधी तथा शंकर जंगम पुत्र रामजीलाल हत्या के प्रयास के मामले में टोंक जेल में 18 फरवरी 2018 से न्यायिक अभिरक्षा में है।
उन्होंने अधिवक्ता राजेन्द्रसिंह तोमर के जरिए जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसीबी समेत अन्य अधिकारियों को शिकायत दी कि उनके साथ जेल में मारपीट की जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक बंदियों के परिजनों से राशि फोन नम्बर के जरिए बैंक खाते में एप से ले जाती है। बंदियों ने प्रशासन को दी गई शिकायत में आधा दर्जन मोबाइल नम्बर दिए हैं, जिसमें राशि मांगी जाती है और उन्होंने दी भी है। इसकी उनके पास रसीद भी है। कोतवाली थाने में दर्ज रिपोर्ट में सभी नम्बर तथा रुपए लेने वालों की जांच की जाएगी।
जांच में आया सामने
जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जेल में 9 मोबाइल नम्बरों की जांच की। इस पर उन्होंने उक्त जांच तकनीकी एजेंसियों से कराने की अनुशंषा की।
इस पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस और एसओजी को उक्त मोबाइल फोन नम्बर की जांच करने के लिए लिखा गया। एसओजी की तकनीकी रिपोर्ट में सामने आया कि उक्त बंदी राशि डलवाते थे।
जांच में पाया गया कि डेयरी संचालक कमलेश खण्डेलवाल के खाते में तीन बार में 15 हजार रुपए सांवरमल जाट के खाते से डाले गए। इसी प्रकार परिवादी तेज सिंह और मुन्ना लाल से बंदियों ने मोबाइल पेमेंट के माध्यम अवैध वसूली की। परिवादी मुन्ना ने 50 से 60 हजार रुपए डलवाए।
रिपोर्ट दर्ज कर ली है
जेल महानिदेशक के आदेश पर आइजी ने जेल में अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अब जांच की जाएगी।
- लक्ष्मण सिंह, थाना प्रभारी कोतवाली टोंक
Published on:
24 Mar 2021 09:24 pm
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