टोंक. खरीफ फसलों की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने आदान व्यवस्था खाद बीज की उपलब्धता के लिए जिले के थोक विक्रेताओं की शुक्रवार को आत्मा सभागार में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक केके मंगल की अध्यक्षता बैठक आयोजित हुई। बैठक में मंगल ने कहा कि पीओएस मशीन के बिना उर्वरकों का विक्रय नहीं करें एवं जितना उर्वरक कृषक द्वारा क्रय किया जाता है उसके आधार पर क्रय किए गए कट्टे ही पीओएस मशीन में दर्ज करें।
साथ ही कृषकों को पक्का बिल भी अवश्य देवे। कोई भी उर्वरक विक्रेता अधिक मूल्य, कालाबाजारी, अवैध भण्डारण, एवं रात्रि के समय उर्वरक विक्रय नहीं करें। साथ ही एक कृषक को एक समय में जोत एवं उर्वरक उपलब्धता के आधार पर अधिकतम 2-5 कट्टे यूरिया उर्वरक का ही वितरण किया जाए।
खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य शुरू होने के साथ ही आदानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सघन गुण नियंत्रण अभियान के तहत जिले के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी विक्रेताओं के संस्थानों का निरीक्षण करके निरीक्षकों की और से गुणवत्ता परख हेतु नमूने लेकर सक्षम प्रयोगशालाओं को उचित जांच हेतु भिजवाए जाएंगे। जांच में अमानक पाए जाने पर कार्यवाही भी होगी।
उल्लेखनीय है कि कृषकों के माध्यम से यह शिकायत प्राप्त होती है कि निरीक्षण के दौरान कृषि आदान विक्रेताओं के संस्थान पर किसी तरह की अनियमितता जैसे पोस मशीन द्वारा उर्वरकों का वितरण नही करना, स्टॉक रजिस्टर का संधारण नही करना, कृषकों को बिल नही देना, समय पर आदानों की बिक्री रिपोर्ट कृषि कार्यालय को नही भिजवाना आदि अनियमितता पाए जाने पर सुसंगत अधिनियमों, नियमों तथा नियंत्रण आदेशों द्वारा प्रदत्त प्रावधानों के तहत बिक्री पर रोक, जब्ती, लाईसेन्स निलम्बन व लाईसेन्स निरस्त जैसी ठोस कार्यवाही की जाएगी।
सहायक निदेशक रामपाल शर्मा ने कहा कि किसान अपनी आवश्यकता का कुछ खाद अभी से क्रय करे ताकि सीजन के समय अनावश्यक परेशान नही होना पड़े। इफको के उप महा प्रबन्धक अजय गुप्ता ने नैनो यूरिया पर जानकारी दी।इस अवसर पर कृषि अधिकारी रिपुदमन सिंह राजावत झाडली, कृषि अधिकारी मुकेश जाट, कृषि अधिकारी नन्दराम मीणा, कृषि अनुसंधान अधिकारी अरविन्द जांगीड, सहायक कृषि अधिकारी मनीष कुमार मीणा, कृषि आदान जिलाध्यक्ष रामअवतार मित्तल, कृष्ण कुमार गोयल, मनीष जैन , ताराचन्द गोयल, गिरिराज गोयल, हनुमान शर्मा, संजय जैन, संदीप जैन, नरेन्द्र विजय सहित अनेक थोक कृषि आदान विक्रता मौजूद थे।