
हैरिटेज विंडो : आमेर शासक के बसाए झिलाय किले से रखी जाती थी हमलावरों पर नजर
निवाई. आमेर रियासत के महाराजा गजसिंह झिलाय गांव के प्रथम शासक रहे और उन्होंने झिलाय में स्थापत्य कला, वास्तु शास्त्र और प्रकृति से सरोबार किला और महल बनाए। प्राचीनकाल में हमलों से बचने के पहाड़ी पर संवत 1152 में महाराजा गजसिंह ने बहुत मजबूत व खूबसूरत किले का निर्माण करवाया। किले का निर्माण इस तरह से करवाया कि पूरे झिलाय के चारों ओर से आने हमलावरों पर निगरानी की जा सके।
झिलाय गांव के वृद्धजनों का कहना है कि गजसिंह ने युद्ध कर खण्डार, चौथ का बरवाड़ा, बौली और शिवाड़ पर विजय हासिल कर अपने अनुज वहां का शासक बना दिया। बुजुर्गों ने बताया कि महल बनाने के साथ-साथ पेयजल के लिए भी पूर्ण व्यवस्था की। उन्होंने झिलाय में राम सागर, नरसी सागर, बड़ा तालाब, बड़ा बंधा और विभिन्न प्रकार के कुण्ड और बावडिय़ां बनवाई। संवत 1731 में तत्कालीन महाराजा जसवंत सिंह ने झिलाय गांव में गढ़ का निर्माण करवाया। झिलाय गांव में राजा महाराजाओं द्वारा गांव के विकास के लिए अनेक कार्य किए।
सडक़ें क्षतिग्रस्त, नालियां टूटी
उपखंड क्षेत्र के झिलाय गांव विकास में राह पर है। यहां राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय स्थापित है। तथा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भी संचालित है। राष्ट्रीयकृत बैंक होने से ग्रामीणों को निवाई नहीं आना पड़ता है। वैसे तो झिलाय में सडक़ें बनी हुई है, लेकिन अभी कुछ जगह सडक़ की आवश्यकता है।
झिलाय में नालियां सही नहीं बनी हुई है, जिससे सडक़ पर कई जगह गंदगी फैली हुई है, जो बीमारियों को आमंत्रित कर रही है। गंदगी होने से लोग खासे परेशान हैं। झिलाय में बस स्टैंड पर कई अतिक्रमण होने से आए दिन जाम लगता है। बस स्टैंड तो है लेकिन बसें नहीं आने से ग्रामीणों को निजी वाहन से उपखंड मुख्यालय आना पड़ता है। या प्राइवेट वाहनों में मुंह मांगे दाम देकर यात्रा करने को विवश हैं।
Published on:
11 Nov 2020 09:01 pm
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