दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया टोंक. आजादी का अमृत महोत्सव के दूसरे चरण में केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में त्रिपक्षीय एमओयू हुआ। इसमें रामपुर रजा लाइब्रेरी उत्तरप्रदेश की ओर से पुस्तकालयाध्यक्ष अबुसाद इस्लाही, खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी पटना बिहार की ओर से निदेशक शाहिस्ता बदर तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक की ओर से निदेशक प्रो. सैयद सादिक अली ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी तथा क
एपीआरआइ ने देश की दो लाइब्रेरी से किया एमओयू, शोधार्थियों को मिलेगा लाभ
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया
टोंक. आजादी का अमृत महोत्सव के दूसरे चरण में केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में त्रिपक्षीय एमओयू हुआ। इसमें रामपुर रजा लाइब्रेरी उत्तरप्रदेश की ओर से पुस्तकालयाध्यक्ष अबुसाद इस्लाही, खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी पटना बिहार की ओर से निदेशक शाहिस्ता बदर तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक की ओर से निदेशक प्रो. सैयद सादिक अली ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी तथा केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के समक्ष हस्ताक्षर किए गए।
इसमें इन तीनों लाइब्रेरी का एक गोल्डन ट्रायंगल बनाया गया है। इसका उद्देश्य शोध कार्य, प्रकाशन, कैलीग्राफी प्रदर्शनी, वर्कशाप, अखिल भारतीय सेमिनार, अखिल भारतीय आर्ट फेस्टिवल, केटेलॉगिग, एडिटिग, ट्रांसलेशन, डिजिटाइजेशन एवं रिसर्च कोलोबरेशन आदि तीनों लाइब्रेरीज की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित करना है। इससे संस्कृति एवं विचारों का आदान प्रदान होगा।
शोधार्थियों को शोध कार्य में सहायता मिलेगी तथा तीनो लाइब्रेरी को तकनीकी रूप से और ज्यादा उन्नत बनाने में सहायक सिद्ध होगा। संस्कृति मंत्रालय के पुस्तकालय डिविजन की ओर से गत 6 अगस्त को दो दिवसीय फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरी का आयोजन प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
इस फेस्टिवल का उद्देश्य पुस्तकालयों के विकास और भारत में पढऩे की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया था। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि लाइब्रेरी हमारे जीवन का आधार है और किताबों से हमें नैतिकता का ज्ञान मिलता है। प्रदर्शनी में टोंक के मशहूर कैलीग्राफिस्ट खलीक टोंकी, जफर रजा खान, खुर्शीद आलम आदि की कला के नमूने लगाए गए।
मैन्यूस्क्रिप्ट दीर्घा में हिलयतुन नबी, शाह नामा फिरदौसी, रिसाला जीच, जेबुत्तवारीख, फरस नामा, अजायबुल मखतूता आदि नायाब पाण्डुलिपियों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी का समापन उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने किया।