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टोंक नगरपरिषद में बड़ा गड़बड़झाला, एसीबी जांच चलते जिस शाखा से कार्मिक को हटाया फिर से उसी को सौंपा कार्यभार

परिषद की एक समिति द्वारा एसीबी में मामला दर्ज होने पर दूसरी शाखा में नियुक्त करने की अनुशंसा कर दी थी, लेकिन अब वापस उसी शाखा में लगाए गया है।  

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टोंक. नगर परिषद

टोंक. नगर परिषद में इन दिनों भूमि नियमन शाखा चर्चा का विषय बनी हुई है। भूमि नियमन शाखा में एक कार्मिक को पहले परिषद की एक समिति द्वारा एसीबी में मामला दर्ज होने पर दूसरी शाखा में नियुक्त करने की अनुशंसा कर दी थी, लेकिन अब वापस उसी शाखा में लगाए गया है।

स्वायत्त शासन निदेशालय निदेशक को भेजी गई शिकायत में बताया गया है कि नगर परिषद टोंक की भूमि शाखा में नियुक्त कनिष्ठ सहायक रोडूलाल लाल सैनी पर एसीबी में मामला विचाराधीन है।

शिकायत में बताया गया है कि कनिष्ठ सहायक सैनी पर पुष्पा देवी पत्नी उमराव सिंह के प्रकरण में जारी पट्टे के संबंध में एसीबी में मामला विचाराधीन है, जिसमें कस्बा टोंक गर्बी में आम रास्ते की भूमि, जिसकी किस्म गैर मुमकिन रास्ता है, जिसका उपयोग किसी भी नियम के अन्तर्गत नहीं बदला जा सकता है।

नगर परिषद की ओर से 13 अप्रेल को जिला कलक्टर को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान-2012 के दौरान पुष्पा देवी के नाम से 03 पट्टे जारी किए गए थे, जिनमें से एक प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टोंक में विचाराधीन है।

पत्र में बताया गया कि प्रकरण भूमि शाखा से संबंधित एवं वर्तमान में भी कर्मचारी भूमि शाखा में लिपिक के रूप में काम कर रहे हंै। भूमि शाखा परिषद की महत्वपूर्ण शाखा है, जिसमें भूमि व पट्टे से संबंधित दस्तावेज वगैरह सुरक्षित रहते हंै।


पत्र में अनुशंसा की गई की शाखा के महत्व को देखते हुए एवं परिषद की साख को ध्यान में रखते हुए रोडू लाल सैनी को भूमि शाखा लिपिक पद से अन्य शाखा में लगाया जाना विधि सम्मत है।

इसके बावजूद चार सितम्बर से रोडू लाल सैनी भूमि शाखा में कार्य कर रहे है। उल्लेखनीय है कि 21 मार्च को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से रोडू लाल सैनी सहित अन्य के खिलाफ चालान पेश करने का निर्णय किया जा चुका है।


परिषद बोर्ड ने नहीं दी स्वीकृति
एसीबी की ओर से अभियोजन में चालान के स्वीकृति चाहने के लिए परिषद को पत्र लिखने के बाद बोर्ड ने कनिष्ठ लिपिक रोडू लाल सैनी पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया। बोर्ड में निर्णय किया गया कि प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने से रोडू लाल सैनी के विरुद्ध अभियोजन चलाया जाना उचित नहीं पाया जाता है। बोर्ड ने अभियोजन स्वीकृति अस्वीकार की जाती है।

शिकायत करने का अधिकार सभी को है। अभी दोषी होने की पुष्टि नहीं हुई है। दोष सिद्ध होने का पत्र मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
पूजा मीना, आयुक्त नगर परिषद, टोंक